वॉशिंगटन: इस्लामिक स्टेट को नष्ट कर देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि जो भी आतंकी संगठन अमेरिका के लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, अमेरिका उसे नष्ट कर देगा. हालांकि ओबामा ने अफगानिस्तान और इराक की तरह व्यापक स्तर पर जमीनी सेनाएं भेजने की संभावनाओं को खारिज कर दिया.
as per ABP :
ओबामा ने आईएस को भी अपने कड़े तेवर दिखाए और इस्लाम के नाम पर ठगने वाला बताया है. ओबामा ने साफ कर दिया कि मुस्लिमों के साथ अलग बर्ताव नहीं किया जा सकता है.
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से राष्ट्र के नाम दिए गए भाषण में ओबामा ने कहा कि आईएसआईएस को नष्ट करने की उनकी रणनीति को अमेरिकी सेना के कमांडरों और आतंकवाद रोधी विशेषज्ञों ने तैयार किया है. इस रणनीति को अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल 65 देशों का समर्थन प्राप्त है.
ओबामा ने कहा कि आतंकवाद का खतरा वास्तविक है लेकिन अमेरिका इससे निपट लेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम आईएसआईएल (आईएसआईएस का दूसरा नाम) और हर उस संगठन को नष्ट कर देंगे, जो हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा.’’
ओबामा ने कहा, ‘‘ आईएसआईएस इस्लाम की बात नहीं करता. वे ठग और हत्यारे हैं जो मौत के पंथ का हिस्सा हैं. और वे विश्वभर में मौजूद एक अरब से भी से अधिक मुसलमानों का एक बहुत छोटा सा हिस्सा भर हैं. विश्वभर के मुसलमानों में लाखों देशभक्त मुस्लिम-अमेरिकी भी हैं, जो कि उनकी घृणास्पद विचारधारा को खारिज करते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ साथ ही, आतंकवाद से पीड़ितों की बड़ी संख्या विश्व के मुसलमानों की ही है. यदि हमें आतंकवाद को हराने में सफलता हासिल करनी है तो हमें मुस्लिम समुदायों को शक और घृणा की दृष्टि से देखकर अपने से दूर करने के बजाए उन्हें हमारे कुछ सबसे मजबूत सहयोगियों में शामिल करना होगा.’’ ओबामा ने कहा कि इसका यह अर्थ नहीं है कि इस तथ्य से इनकार कर दिया जाए कि कट्टरपंथी विचारधारा कुछ मुस्लिम समुदायों में फैल गई है. यह एक वास्तविक समस्या है जिसका मुसलमानों को बिना कोई बहाना दिए सामना करना चाहिए.
कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो में एक कट्टरपंथी दंपति द्वारा की गई गोलीबारी में 14 लोगों के मारे जाने के बाद से अमेरिका में रह रहे मुस्लिमों को लोगों के गुस्से का शिकार होने का डर है. ओबामा ने इस घटना को ‘‘आतंकवादी करतूत’’ करार दिया.
राष्ट्रपति ने दो संदिग्धों- पाकिस्तानी नागरिक ताशफीन मलिक और पाकिस्तानी मूल के उसके पति सैयद रिजवान फारूक का जिक्र करते हुए कहा,‘‘ अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि हत्यारों को विदेशों में स्थित किसी आतंकवादी संगठन ने ऐसा करने का निर्देश दिया था या वे यहां अमेरिका में किसी बड़े षड़यंत्र का हिस्सा थे.’’
0 comments:
Post a Comment