as per ABP :
नई दिल्लीः बुलेट ट्रेन का महंगा सपना अब हकीकत बन सकता है और वो भी सिर्फ 9 साल के भीतर. ये उम्मीद इसलिए जागी है क्योंकि करीब 1 लाख करोड़ के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जापान ना सिर्फ 90 हजार करोड़ का कर्ज देने को तैयार बल्कि उसने कर्ज की शर्तें भी बेहद आसान कर दी हैं. उम्मीद है कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के इसी हफ्ते होने वाले भारत दौरे पर मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की डील का ऐलान हो जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली जिन बुलेट ट्रेनों का सपना भारत को दिखाया था उन्हें जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है.
अब तक ये कहा जा रहा था कि मुंबई अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन का पहला ट्रैक बनाने पर ही करीब 1 लाख करोड़ का खर्च आएगा. इतना भारी भरकम खर्च ना तो करीब 1 लाख करोड़ के कुल सालाना बजट वाली भारतीय रेल के लिए मुमकिन है और ना ही सरकार के लिए, लेकिन अब जापान सरकार की एक बेहद रियायती पेशकश ने पूरी तस्वीर बदल दी है.
मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन चलाना मुमकिन है या नहीं इसकी पड़ताल का काम जापान की Japan International Cooperation Agency यानी जीका को सौंपा गया था. इसी साल जुलाई महीने में जीका ने इसे मुमकिन तो बताया लेकिन इतना भारी भरकम खर्च बता दिया कि लगने लगा कि मोदी की बुलेट ट्रेन का सपना सिर्फ सपना ही ना रह जाए.
जुलाई महीने में मुंबई-अहमदाबाद रूट पर जापान इंटरनेशनल को ऑपरेशन एजेंसी यानी जीका रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात पहले के मुकाबले करीब दोगुनी लागत थी.
शुरुआती हिसाब तो ये था कि मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन 62 हजार करोड़ रुपये में दौड़ने लगेगी, लेकिन जीका ने जो हिसाब लगाया उसके मुताबिक मुंबई अहमदाबाद रूट के लिए 98 हजार 800 करोड़ रुपये खर्च सामने आया. ये अनुमान सिर्फ मुंबई अहमदाबाद के 505 किलोमीटर रूट के लिए लगाया गया था. इस खर्च में मुंबई अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन के लिए 12 स्टेशन. 300 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत रफ्तार के लिए नया सुरक्षित ट्रैक और बुलेट ट्रेन के लिए जापानी तकनीक के इस्तेमाल का खर्च शामिल था.
इस हिसाब के बाद ही बुलेट ट्रेन का हकीकत में बदल पाना क्यों नामुमकिन लगने लगा ये भी देख लीजिए.
जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी के मुताबिक मुंबई अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 98 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है इसमें से जापान भारत को 90 हजार करोड़ रुपये का भारी भरकम कर्ज दे सकता है. सिर्फ कर्ज नहीं देगा जापान – रियायतें भी देगा. आमतौर पर दूसरे देशों से ऐसे कर्ज के लिए 1.5 फीसदी का ब्याज वसूलता है जापान.
लेकिन भारत को बुलेट ट्रेन पर दिए कर्ज के लिए जापान सिर्फ 0.5 फीसदी ब्याज लेगा, यही नहीं पूरी दुनिया को जापान 25 साल के लिए ही कर्ज देता है, लेकिन मुंबई अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन का कर्ज चुकाने के लिए जापान 50 साल का वक्त देने को तैयार है.
माना जा रहा है जापान ने ये रियायती पेशकश करके भारत में बुलेट ट्रेन के लिए होड़ लगा रहे चीन से बाजी मार ली है. माना जा रहा है कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के 11 दिसंबर से शुरू हो रहे दौरे से पहले ही कर्ज के करार को आखिरी रूप दे दिया जाएगा.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 11 और 12 दिसंबर को भारत दौरे पर होंगे. इस दौरान ही प्रधानमंत्री मोदी और शिंजो आबे मुंबई अहमदाबाद के बुलेट ट्रेन रूट के करार पर दस्तखत कर सकते हैं. इसके लिए जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के विशेष सलाहकार Hiroto Izumi भारत सरकार से शर्तों का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पहले ही पहुंच जाएंगे.
अगर भारत और जापान के बीच बुलेट ट्रेन को लेकर करार हो जाता है तो जापानी बुलेट ट्रेनें जिन्हें वहां Shinkansen कहा जाता है साल 2024 तक मुंबई और अहमदाबाद के करीब 500 किलोमीटर लंबे रूट पर दौड़ने लगेंगी. 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेनों की वजह मुंबई और अहमदाबाद के बीच 7 घंटे की दूरी महज 2 घंटे में पूरी की जा सकेगी.
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