नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज दो दिन के दौरे पर पाकिस्तान जानेवाली हैं. वैसे तो सुषमा अफगानिस्तान के मुद्दे पर होनेवाली 14 देशों की हार्ट ऑफ एशिया समिट में शामिल होने इस्लामाबाद जा रही हैं .
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माना जा रहा वो भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर भी पाकिस्तानी नेताओं के साथ बातचीत करेंगी. इस दौरे में सुषमा स्वराज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और विदेश मंत्री सरताज अजीत से भी मुलाकात करेंगी.
सुषमा स्वराज के इस दौरे पर महीनों से अटकी भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सीरीज पर फैसला हो सकता है. पीसीबी के मुताबिक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आज इस्लामाबाद पहुंचने के बाद इस बारे में एलान हो सकता.
कल कांग्रेस नेता राजीव शुक्ल ने संसद में दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज को मंजूरी देने की मांग की थी. भारत और पाकिस्तान के बीच श्रीलंका में 15 दिसंबर से क्रिकेट सीरीज खेले जाने की चर्चा थी लेकिन देरी की वजह से अब 10 दिन बाद यानि 25 दिसंबर के 5 जनवरी के बीच मैच होने की उम्मीद है.
सुषमा का पाकिस्तान दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि दो दिन पहले ही थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भारत और पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत हुई है जिसमें आतंकवाद से लेकर जम्मू-कश्मीर तक के मुद्दे पर बातचीत को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है.
उधर, इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सोमवार को कहा कि वह सुषमा से मिलने के लिए उत्सुक हैं. समाचार पत्र 'डेली पाकिस्तान' ने अजीज के हवाले से कहा, "दोनों देशों के बीच विवादों के समाधान के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है."
इस सम्मेलन में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी हिस्सा लेंगे. सुषमा इस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए जहां मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचेंगी, वहीं गनी बुधवार को यहां पहुंचेंगे.
अजीज ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के साथ बाचतीत आगे बढ़ाने की दिशा में प्रगति हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के साथ भारत के संबंध आने वाले दिनों में और भी मजबूत होंगे.
उन्होंने कहा कि सुषमा और नवाज की मुलाकात के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के बिंदुओं पर चर्चा होगी. साथ ही द्विपक्षीय समग्र बातचीत शुरू करने के लिए एक खाका तैयार किया जाएगा.
बैंकॉक में हुई बैठक के बाद जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नसीर खान जंजुआ के बीच 'सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक वातावरण में बातचीत हुई'.
बयान में कहा गया, "शांति और सुरक्षा, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई."
उल्लेखनीय है कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस में 30 नवंबर को हुए शिखर सम्मेलन के दौरान तय कार्यक्रम से इतर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच बहुत थोड़ी देर के लिए अनौपचारिक वार्ता हुई थी, जिसके बाद रविवार को बैंकॉक में एनएसए स्तर की बैठक हुई.
इसी वर्ष जुलाई में रूस के ऊफा में हुए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) सम्मलेन के दौरान भी तय कार्यक्रम से इतर मोदी और शरीफ बीच बातचीत हुई थी और उसके बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच पेरिस में यह पहली मुलाकात थी.
सुषमा का यह पाकिस्तान दौरा 2012 के बाद पहली बार मंत्री स्तरीय पाकिस्तान दौरा है. 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने आखिरी बार पाकिस्तान का मंत्री स्तरीय दौरा किया था.
कांग्रेस ने दोनों देशों के बीच बैंकॉक में हुई एनएसए स्तर की बैठक के बारे में जानना चाहा है कि सरकार को इस्लामाबाद के साथ संबंधों के बारे में संसद में दिए गए बयान से विचलित करने के पीछे आखिर क्या वजहें हैं. कांग्रेस ने सरकार से संसद को विश्वास में लेने की मांग भी की.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्य सभा में शून्य काल के दौरान कहा, "प्रधानमंत्री और सरकार को संसद को बताना चाहिए कि ऐसी कौन सी प्रगति हुई या ऐसे कौन से कारण रहे जिनकी वजह से सरकार को पिछले सत्र में इसी संसद में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों पर दिए गए अपने बयान से हटना पड़ा." सरकार की ओर से कहा गया है कि विदेश मंत्री 10 दिसंबर को इस संबंध में एक बयान जारी करेंगी.
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