रिश्तों में तल्खी के बाद नेपाल ने भारतीय न्यूज़ चैनलों को बंद किया.................online updates by police prahari news

नई दिल्ली: नेपाल में एक बार फिर सभी भारतीय न्यूज़ चैनलों को केबल संचालकों ने ऑफ एयर कर दिया है. राजनैतिक दवाब के चलते केबल ऑपरेटरों ने, डीटीएच संचालकों ने एक साथ भारतीय न्यूज़ चैनलों को बंद कर दिया है.

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बता दें कि नेपाल-भारतीय सीमा पर महीनों से नाकेबंदी चल रही है. नेपाली मधेसियों ने सीमा को बंद  कर रखा है. मधेसियों के प्रदर्शन के कारण पिछले कुछ समय से भारत से ट्रकों की आवाजही भी बंद है. नाकेबंदी की वजह से नेपाल में रोजमर्रा की चीजों तक का भारी संकट पैदा हो गया है. नेपाल का आरोप है कि भारत मधेसियों के इस आंदोलन का समर्थन दे रहा है.

नेपाल केबल टेलीविज़न व्यवलायी महासंघ, नेपाल केवल टेलीविज़न संघ, डिसहोम प्राली और सिम्पल मीडिया प्राली ने एक विज्ञप्ति जारी कर अस बात की जानकारी दी गई है. इस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पॉलिटिकल व्यापक दवाब की वजह से मजबूरन हमें यह निर्णय लेना पड़ रहा है. आपको बता दें माओवादी पार्टी के एक समूह ने भारतीय आर्थिक नाकाबंदी के खिलाफ हिन्दी फिल्म, भारतीय न्यूज़ चैनल को बंद करवाने का एलान किया था.
नेपाल में जारी मधेश आंदोलन पर भारतीय हस्तक्षेप और अघोषित नाकाबंदी के खिलाफ बताते हुए केबल ऑपरेटरों ने माओवादी आवाहन को मद्देनजर रखते हुए रविवार से सभी भारतीय न्यूज़ चनलों को ऑफ कर दिया. आपको बता दें नेपाल में यह रोक सिर्फ भारतीय न्यूज़ चैनलों पर ही लगी है दूसरे चैनलों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है.

दरअसल नेपाल में मधेसी समूह ससंसद द्वारा स्वीकार किए गए संविधान से सहमत नहीं है. उनका मानना है कि इसके जरिए उन्हें देश से अलग किया जा रहा है. मधेसियों की इस समस्या पर भारत ने अपना समर्थन दिया है. नेपाल की आरोप है कि नाकेबंदी में भआरती की भूमिका है. इसके साथ ही नेपाल का आरोप है कि भारत नेपाल के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है. नेपाल ने इसकी शिकायत संयुक्त राष्ट्र में भी की.

नेपाल के सूचना एवं प्रविधि मंत्री सेरधन राई ने इस फैसलों को केबल ऑपरेटरों का निजी निर्णय बताया. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए राई ने कहा इस निर्णय में सरकार की कोई सहमति नहीं है. 

आपको बता दें यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय चानलों को ऑफएयर किया गया है. इससे पहले भी करीब 42 चैनकों को नेपाल में बंद किया गया था. जिस पर कुछ समय बाद रोक हटा दी गई थी.
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