as per Dainik bhaskar :
भोपाल. सरकार ने दो आईएएस अफसर और एक तहसीलदार को पद से हटा दिया है। अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के आयुक्त जेएन मालपानी सहायक आयुक्त आरके श्रोती से फोन पर रिश्वत मांग रहे थे। गुरुवार को उनके बीच हुई बातचीत का ऑडियो टेप वायरल हुआ था। 24 घंटे बाद ही उन्हें हटाकर मंत्रालय में ओएसडी पदस्थ कर दिया गया। वे 1994 बैच के आईएएस अफसर हैं।
इसी प्रकार सूखा राहत राशि वितरण में विवादित आदेश देने वाले राजगढ़ कलेक्टर आनंद शर्मा को भी हटाकर मंत्रालय पदस्थ किया गया है। दूसरी ओर 24 नवंबर को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़े वन मंत्री के भांजे बीके मंदोरिया को भोपाल अटैच कर दिया है।
मालपानी की जगह डेयरी फेडरेशन के एमडी शोभित जैन को आदिवासी आयुक्त पद का अतिरिक्त प्रभार सौंप गया है। वहीं व्यावसायिक परीक्षा मंडल के संचालक तरुण कुमार पिथौड़े को राजगढ़ कलेक्टर बनाया गया है।
घूस मांगने वाले...मालपानी ने कहा था- जो मिल रहा है, अकेले हजम मत करो
मालपानी : हां कौन बोल रहा है।
श्रोती : सर एसी ट्राइबल बोल रहा हूं सर। बड़वानी से श्रोती बोल रहा हूं सर। निवेदन कर रहा हूं।
मालपानी : अच्छा हां मैंने लगाया था फोन।
श्रोती : नहीं सर.. नहीं सर.. मैंने भी आपको लगाया। दीवाली के लिए इस बार हैप्पी दीवाली तो नहीं थी, क्योंकि मेरे पिताजी का आपको तो मालूम था। लेकिन आपको फोन नहीं लगा। मैंने बताया था मैडम को, गौतम मैडम (उत्कृष्ट स्कूल बड़वानी की प्राचार्य मनीषा गौतम) को। गौतम मैडम से शायद बातचीत हुई थी आपकी।
मालपानी : तो क्या आप आओगे नहीं, इनडायजेशन हो जाएगा। अकेले-अकेले खाओगे तो ये बता रहा हूं आपको। बदहजमी हो जाएगी। ये बहुत हो रहा है, मैं बता रहा हूं आपको।
श्रोती : सर कोई पेमेंट ही नहीं हो रहा है। एक रुपए का भी पेमेंट नहीं हुआ है अभी।
मालपानी : चलो कोई दिक्कत नहीं, कोई दिक्कत नहीं। नो प्राब्लम एट ऑल चलो चलो।
श्रोती : नहीं..नहीं.. सर आपको, आप तो कैसा कर रहे सर.. आपको बोलने की जरूरत नहीं है सर।
मालपानी : केवल आप भाषणों का दूध पिला देते हो शरबत बना कर कि ‘ये लो पी लो’।
श्रोती : बिलकुल नहीं है सर। सर अब आपने जैसा मेरे बारे में सोच रखा है मैं नहीं कह सकता। लेकिन कसम सर आप कहे तो अपने पिताजी की कसम खा लेता हूं सर।
मालपानी : नहीं-नहीं आप कसम-वसम मत खाओ। अब कोई बात नहीं करुंगा। मैं अब इसके बारे में आपसे बात ही नहीं करुंगा।
श्रोती : सर, पिछला वाला पेमेंट पूरा लैप्स हो गया। इस बार भी वेरिफिकेशन नहीं हुआ है। वेरिफिकेशन के बाद पेमेंट होगा।
मालपानी : चलो-चलाे ठीक है..
श्रोती : सर मैं जल्द मिलूंगा। जैसे ही पेमेंट होगा मैं आपसे जल्द मिलूंगा। (मालपानी ने चलो-चलो ठीक है कहा और फोन काट दिया।)
श्रोती : सर एसी ट्राइबल बोल रहा हूं सर। बड़वानी से श्रोती बोल रहा हूं सर। निवेदन कर रहा हूं।
मालपानी : अच्छा हां मैंने लगाया था फोन।
श्रोती : नहीं सर.. नहीं सर.. मैंने भी आपको लगाया। दीवाली के लिए इस बार हैप्पी दीवाली तो नहीं थी, क्योंकि मेरे पिताजी का आपको तो मालूम था। लेकिन आपको फोन नहीं लगा। मैंने बताया था मैडम को, गौतम मैडम (उत्कृष्ट स्कूल बड़वानी की प्राचार्य मनीषा गौतम) को। गौतम मैडम से शायद बातचीत हुई थी आपकी।
मालपानी : तो क्या आप आओगे नहीं, इनडायजेशन हो जाएगा। अकेले-अकेले खाओगे तो ये बता रहा हूं आपको। बदहजमी हो जाएगी। ये बहुत हो रहा है, मैं बता रहा हूं आपको।
श्रोती : सर कोई पेमेंट ही नहीं हो रहा है। एक रुपए का भी पेमेंट नहीं हुआ है अभी।
मालपानी : चलो कोई दिक्कत नहीं, कोई दिक्कत नहीं। नो प्राब्लम एट ऑल चलो चलो।
श्रोती : नहीं..नहीं.. सर आपको, आप तो कैसा कर रहे सर.. आपको बोलने की जरूरत नहीं है सर।
मालपानी : केवल आप भाषणों का दूध पिला देते हो शरबत बना कर कि ‘ये लो पी लो’।
श्रोती : बिलकुल नहीं है सर। सर अब आपने जैसा मेरे बारे में सोच रखा है मैं नहीं कह सकता। लेकिन कसम सर आप कहे तो अपने पिताजी की कसम खा लेता हूं सर।
मालपानी : नहीं-नहीं आप कसम-वसम मत खाओ। अब कोई बात नहीं करुंगा। मैं अब इसके बारे में आपसे बात ही नहीं करुंगा।
श्रोती : सर, पिछला वाला पेमेंट पूरा लैप्स हो गया। इस बार भी वेरिफिकेशन नहीं हुआ है। वेरिफिकेशन के बाद पेमेंट होगा।
मालपानी : चलो-चलाे ठीक है..
श्रोती : सर मैं जल्द मिलूंगा। जैसे ही पेमेंट होगा मैं आपसे जल्द मिलूंगा। (मालपानी ने चलो-चलो ठीक है कहा और फोन काट दिया।)
उल्लेेखनीय है कुछ समय पहले ट्रांसफर को लेकर प्रभारी मंत्री विजय शाह व श्रोती के बीच कहासुनी हुई थी। ऑडियो वायरल होने के बाद गुरुवार को शहर में मालपानी के पास श्रोती के खिलाफ जांच रिपोर्ट होने व कार्रवाई से बचने के लिए दोनों के बीच लेन-देन की चर्चा चलती रही।
राजगढ़ कलेक्टर को मंत्रालय भेजा
शर्मा ने कहा था- जिन किसानों के पास टीवी-ट्रैक्टर हैं, उन्हें नहीं मिलेगा पैसा
किसानों को सूखा राहत का पैसा देने को लेकर एक पखवाड़े पहले राजगढ़ कलेक्टर रहे आनंद शर्मा ने आदेश निकाला था कि जिन किसानों के पास टीवी और ट्रैक्टर है, उन्हें पैसा नहीं मिलेगा। उन्होंने इसी तरह के कई वर्ग और भी बनाए थे, जिन्हें राहत नहीं दी जानी थी। यह मामला सुर्खियों में आने के बाद राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने अगले दिन आदेश रद्द कर दिया था। मुख्यमंत्री से उन्हें हटाने की भी बात की थी। मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव केके सिंह से भी शर्मा को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था।
किसानों को सूखा राहत का पैसा देने को लेकर एक पखवाड़े पहले राजगढ़ कलेक्टर रहे आनंद शर्मा ने आदेश निकाला था कि जिन किसानों के पास टीवी और ट्रैक्टर है, उन्हें पैसा नहीं मिलेगा। उन्होंने इसी तरह के कई वर्ग और भी बनाए थे, जिन्हें राहत नहीं दी जानी थी। यह मामला सुर्खियों में आने के बाद राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने अगले दिन आदेश रद्द कर दिया था। मुख्यमंत्री से उन्हें हटाने की भी बात की थी। मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव केके सिंह से भी शर्मा को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था।
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