‘स्विसलीक्स’ घोटाला: HSBC के पूर्व कर्मचारी फल्सियानी को पांच साल की जेल...................online updates by police prahari news

जिनेवा/नई दिल्ली: एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी और खातों के बारे में जानकारी लीक करने वाले (व्हिस्लब्लोअर) हर्व फल्सियानी को आज स्विटजरलैंड की एक संघीय अदालत ने पांच साल जेल की सजा सुनाई. फल्सियानी की ‘स्विसलीक्स’ भारत की काले धन की जांच में बहुत महत्वपूर्ण रही है.

as per ABP :
 
स्विटजरलैंड के दक्षिणी शहर बेलिनाजेना में फल्सियानी पर औद्योगिकी जासूसी का आरोप लगाया गया. फल्सियानी फैसला सुनाए जाने के समय उपस्थित नहीं थे क्योंकि उन्होंने स्विटजरलैंड में सुनवाई के लिए हाजिर होने से इनकार कर दिया था.

स्विट्जरलैंड की एटीएस समाचार एजेंसी के अनुसार फल्सियानी को उनकी अनुपस्थिति में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई.

उल्लेखनीय है कि वैश्विक बैंकिंग संस्थान एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी फल्सियानी ने बैंक की जिनेवा शाखा में बैंक खाता धारकों का ब्यौरा लीक कर दिया. यह सूची बाद में फ्रांसीसी सरकार तक पहुंची जिसने बाद में इसे भारत सरकार को उपलब्ध कराया क्योंकि इसमें विदेशों में धन जमा कराने वाले भारतीयों के नाम भी थे.

हर्व फल्सियानी ने इसी महीने कहा था कि वह भारतीय जांच एजेंसियों की काले धन संबंधी जांच में उनके साथ ‘सहयोग’ करने के इच्छुक हैं बशर्तें उन्हें ‘संरक्षण’ दिया जाए.
इस सजा के बारे में फल्सियानी ने भारतीय टीवी चैनल एनडीटीवी से कहा कि इससे कुछ नहीं बदला है और इससे भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग प्रभावित नहीं होना चाहिए. उन्होंने चैनल से यह भी कहा कि वे यूरोपीय मानव अधिकार अदालत में याचिका करेंगे.

इस बीच एचएसबीसी ने भारत में अपने निजी बैंकिंग कारोबार को बंद करने की घोषणा की जो कि संपत्ति प्रबंधन सेवाओं की पेशकश करता है.

उल्लेखनीय है कि पत्रकारों के एक वैश्विक समूह, आईसीआईजे की जांच में यह खुलासा हुआ था कि 1000 से अधिक भारतीयों ने 2007 तक एचएसबीसी जिनेवा में चार अरब डॉलर जमा कराए. इस खुलासे के बाद से ही एचएसबीसी की निजी बैंकिंग इकाई काले धन की जांच का सामना कर रही है.

फल्सियानी ने ऐसे दस्तावेज लीक किए जिनसे एक तरह से यह खुलासा हुआ कि एचएसबीसी की स्विस निजी बैंकिंग इकाई ने एक लाख से अधिक ग्राहकों को 200 अरब डॉलर से भी अधिक मूल्य के कर की चोरी में मदद की. इस खुलासे को भारत सहित अनेक देशों में ‘चेतावनी की घंटी’ माना गया.

उल्लेखनीय है कि दो नवंबर को स्काइप के जरिए मीडिया से बात करते हुए फल्सियानी ने कहा था कि उन्होंने काले धन के बारे में गोपनीय सूचनाओं को पैसे के लिए लीक नहीं किया.

उन्होंने यह भी दावा किया कि काले धन के बारे में ‘बहुत सी सूचनाओं’ का भारतीय अधिकारी इस्तेमाल नहीं कर रहे. हालांकि भारत सरकार ने इस दावे का खंडन किया था.

Share on Google Plus

About PPN

0 comments:

Post a Comment