as per ABP :
नई दिल्ली. दिल्ली की केजरीवाल सरकार जनलोकपाल बिल को लेकर एक बार फिर टकराव की राह पर है। विंटर सेशन में ही जनलोकपाल बिल पास कराने वाली दिल्ली सरकार ने साल 2014 की तरह ही एलजी और केंद्र से इस संबंध में कोई परमीशन नहीं ली है। शुक्रवार को बीजेपी एमएलए ने इस बारे में एलजी से मिलकर केजरीवाल सरकार की शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की तरफ से विंटर सेशन में पास कराए जाने वाले सभी 8 बिल गैर संवैधानिक हैं। बीजेपी विधायकों की मांग है कि सभी संसोधन बिलों को भी रद्द किया जाना चाहिए। एलजी ने बीजेपी विधायकों को मामले पर गौर करने का भरोसा दिया है।
जनलोकपाल पर बन रही 2014 जैसी स्थिति
एलजी से मिले बीजेपी एमएलए ने कहा कि दिल्ली सरकार जनलोकपाल बिल पर 2014 जैसे हालत बनाना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार कोई काम करना नहीं चाहती है बस काम का दिखावा करती है। संविधान के मुताबिक सीएम केजरीवाल को जनलोकपाल का ड्राफ्ट पहले एलजी को भेजना होता है। इस ड्राफ्ट को एलजी, केंद्र सरकार को भेजते हैं जिसके बाद केंद्र बिल को असेंबली में रखे जाने की परमीशन देता है। बीजेपी एमएलए का आरोप है कि केजरीवाल सरकार एक बार फिर जनलोकपाल बिल पास कराने के लिए संविधान के नियमों का पालन नहीं कर रही है। गौरतलब है कि 2014 में भी केजरीवाल सरकार ने एलजी की सहमति के बिना ही असेंबली में बिल पेश करने की कोशिश की थी। जिसके बाद बिल केजरीवाल ने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल एलजी और केंद्र की परमीशन के बिना ही जनलोकपाल बिल पास कराना चाहते थे। जबकि NCT एक्ट के मुताबिक यूनियन टेरटरी होने के चलते दिल्ली असेंबली में पास किए जाने वाले बिल के लिए एलजी और केंद्र से परमीशन लेना जरूरी होता है।
एलजी से मिले बीजेपी एमएलए ने कहा कि दिल्ली सरकार जनलोकपाल बिल पर 2014 जैसे हालत बनाना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार कोई काम करना नहीं चाहती है बस काम का दिखावा करती है। संविधान के मुताबिक सीएम केजरीवाल को जनलोकपाल का ड्राफ्ट पहले एलजी को भेजना होता है। इस ड्राफ्ट को एलजी, केंद्र सरकार को भेजते हैं जिसके बाद केंद्र बिल को असेंबली में रखे जाने की परमीशन देता है। बीजेपी एमएलए का आरोप है कि केजरीवाल सरकार एक बार फिर जनलोकपाल बिल पास कराने के लिए संविधान के नियमों का पालन नहीं कर रही है। गौरतलब है कि 2014 में भी केजरीवाल सरकार ने एलजी की सहमति के बिना ही असेंबली में बिल पेश करने की कोशिश की थी। जिसके बाद बिल केजरीवाल ने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल एलजी और केंद्र की परमीशन के बिना ही जनलोकपाल बिल पास कराना चाहते थे। जबकि NCT एक्ट के मुताबिक यूनियन टेरटरी होने के चलते दिल्ली असेंबली में पास किए जाने वाले बिल के लिए एलजी और केंद्र से परमीशन लेना जरूरी होता है।
केंद्र से परमीशन लेने का नहीं रखा ध्यान
एलजी से मिलने वाले बीजेपी एमएलए का आरोप है कि दिल्ली सरकार के ज्यादातर बिलों पर मुख्य सचिव और कानून विभाग ने आपत्ति उठाई हैं। बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने प्रस्तावित संशोधनों को बिना जमीनी सच्चाई का ध्यान रखे असेंबली में पेश करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार इन बिलों को पास कराए जाने की प्रक्रिया में केंद्र सरकार से प्रीवियस परमीशन लेने का भी ध्यान नहीं रख रही है। एलजी ने बीजेपी एमएलए की शिकायत पर गौर करने का आश्वासन दिया है।
एलजी से मिलने वाले बीजेपी एमएलए का आरोप है कि दिल्ली सरकार के ज्यादातर बिलों पर मुख्य सचिव और कानून विभाग ने आपत्ति उठाई हैं। बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने प्रस्तावित संशोधनों को बिना जमीनी सच्चाई का ध्यान रखे असेंबली में पेश करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार इन बिलों को पास कराए जाने की प्रक्रिया में केंद्र सरकार से प्रीवियस परमीशन लेने का भी ध्यान नहीं रख रही है। एलजी ने बीजेपी एमएलए की शिकायत पर गौर करने का आश्वासन दिया है।
स्कूली शिक्षा संशोधन बिल 2015 को खारिज करने की मांग
दिल्ली बीजेपी के विधायकों ने विंटर सेशन में लाए जा रहे दिल्ली स्कूली शिक्षा (संशोधन) बिल 2015 को छात्र विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नर्सरी एडमिशन में सुधार की प्रक्रिया का स्वागत किया था, लेकिन सरकार ने इसके अलावा कई संशोधन कर दिए हैं। बीजेपी विधायकों ने एडमिशन प्रक्रिया के अलावा किए गए सभी संशोधनों को खारिज किए जाने की मांग भी की है।
दिल्ली बीजेपी के विधायकों ने विंटर सेशन में लाए जा रहे दिल्ली स्कूली शिक्षा (संशोधन) बिल 2015 को छात्र विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नर्सरी एडमिशन में सुधार की प्रक्रिया का स्वागत किया था, लेकिन सरकार ने इसके अलावा कई संशोधन कर दिए हैं। बीजेपी विधायकों ने एडमिशन प्रक्रिया के अलावा किए गए सभी संशोधनों को खारिज किए जाने की मांग भी की है।
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