as per jagran josh :
कुआलालंपुर. मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में चल रहे 13वें आसियान-इंडिया समिट में तिरंगा उलटा लगाने का मामला सामने आया है। शनिवार को तिरंगे के अपमान का यह वाकया उस वक्त हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के पीएम शिंजो आबे से मुलाकात कर रहे थे। दोनों नेताओं के पीछे उनके देश के झंडे थे। हैरानी की बात यह है कि आबे ने भारत के उलटे झंडे लगे होने को नोटिस किया। वह काफी देर तक इसे देखते भी रहे। हालांकि, कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या पीएम मोदी की इस गलती पर नजर नहीं गई? (आसियान में मोदी ने क्या बोला, यहां पढ़ें पूरी खबर)
कहां लगे होते हैं ये झंडे?
किसी भी इंटरनेशनल समिट में जब अलग-अलग देशों के टॉप लीडर्स मिलते हैं तो ऑफिशियल मीटिंग वाली जगह पर भी लीडर्स के पीछे उनके देश के झंडे लगाए जाते हैं। आसियान समिट में भी ऐसा ही हुआ। पीएम मोदी के पहुंचने के पहले जापान के पीएम शिंजो आबे वहां पहुंच गए थे। इसी समय आबे का ध्यान भारत के उलटे झंडे पर गया।
किसी भी इंटरनेशनल समिट में जब अलग-अलग देशों के टॉप लीडर्स मिलते हैं तो ऑफिशियल मीटिंग वाली जगह पर भी लीडर्स के पीछे उनके देश के झंडे लगाए जाते हैं। आसियान समिट में भी ऐसा ही हुआ। पीएम मोदी के पहुंचने के पहले जापान के पीएम शिंजो आबे वहां पहुंच गए थे। इसी समय आबे का ध्यान भारत के उलटे झंडे पर गया।
पीएम सिर्फ कैमरा देखते हैं : कांग्रेस
मलेशिया में भारतीय तिरंगे के अपमान के मामले में कांग्रेस ने पीएम पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने ट्वीट कर कहा, '' इंटरनेशनल फोरम में ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए। मोदी झंडा नहीं कैमरा देखने में ज्यादा भरोसा रखते हैं। यह अपमानित करने वाला है।''
सफाई
विदेश मंत्रालय या पीएमओ की ओर से अभी तक इस मामले पर ऑफिशियली कोई स्टेटमेंट नहीं आया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक सीनियर अफसर के हवाले से कहा, ''इस तरह की घटना जल्दीबाजी के कारण हुई। यह दुखद है।''
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