as per Amar ujala :
ऑन लाइन बाजार का इस्तेमाल आमतौर पर लोग घरेलू जरूरतों की चीजें खरीदने और बेचने के लिए करते हैं लेकिन कुछ शातिर लोग इस चोरी का सामान बेचने का इस्तेमाल करने लगे हैं।
23 वर्षीय शख्स को एक अस्पताल के म्यूजियम से जार में रखे दिमाग चुराने का दोषी पाया गया है। शख्स ने इन दिमागों को ई-बे पर बेच दिया था।
माममा अमेरिकी राज्या इंडियाना का है। द गार्जियन के अनुसार अस्पताल से दिमाग चुराकर बेचने वाला शख्स एक पुलिस कर्मचारी था।
दिमाग के अलावा कई मानव अंग चुराए
इंडियाना पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपी डेविड चार्ल्स ने कई बार अस्पताल से के म्यूजियम से चोरी की और वहां पर जार में सुरक्षित किए गए दिमागों के अलावा कई अन्य मानव अंगों को ले गया था।
चोरी करने के बाद इन सामानों को शख्स ऑनलाइन शॉपिंग साइट ई-बे पर बेच देता था। अदालत ने आरोपी को तीन साल के लिए जेल की सजा दी है।
जिस अस्पताल से दिमाग चोरी किया गए उसकी स्थापना 1948 में हुई थी लेकिन बाद में इसे चीरघर के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा और इसमें मानव अंगों का एक संग्रहालय बना दिया गया था।
आरोपी शख्स को चोरी में तब पकड़ा गया जब संग्रहालय में खून से सना एक कागज मिला। इस कागज में आरोपी में फिंगर प्रिंट मौजूद थे।
चोरी करने के बाद इन सामानों को शख्स ऑनलाइन शॉपिंग साइट ई-बे पर बेच देता था। अदालत ने आरोपी को तीन साल के लिए जेल की सजा दी है।
जिस अस्पताल से दिमाग चोरी किया गए उसकी स्थापना 1948 में हुई थी लेकिन बाद में इसे चीरघर के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा और इसमें मानव अंगों का एक संग्रहालय बना दिया गया था।
आरोपी शख्स को चोरी में तब पकड़ा गया जब संग्रहालय में खून से सना एक कागज मिला। इस कागज में आरोपी में फिंगर प्रिंट मौजूद थे।
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