नई दिल्ली: बिजली क्षेत्र कर्मचारियों व अभियंताओं के एक संगठन ने बिजली (संशोधन) विधेयक 2014 के विरोध में आठ दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. संगठन का यह भी कहना है कि वार्ताओं में गतिरोध जारी रहने के कारण यह हड़ताल होनी अपरिहार्य है.
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ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने एक बयान में कहा है,‘केंद्रीय बिजली मंत्री से कोई प्रत्युत्तर नहीं आने से, गतिरोध है और अब आठ दिसंबर की हड़ताल अपरिहार्य नजर आ रही है.’ प्रस्तावित हड़ताल में 12 लाख बिजली कर्मचारी और अभियंताओं के शामिल होने की संभावना है.
एनसीसीओईईई के संयोजक ए बी बर्धन ने बिजली मंत्री को पत्र भेजकर श्रमिकों व अभियंताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए कोच्चि में उनके द्वारा किए गए वादों की याद दिलाई है. लेकिन सप्ताह भर से अधिक का समय बीत चुका है और बिजली मंत्री से कोई जवाब नहीं आने के कारण गतिरोध है.
एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने कहा कि बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं के विरोध के बावजूद सरकार ने बिजली (संशोधन) विधेयक 2014 को लोकसभा के शीतकालीन सत्र के एजेंडे में शामिल किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के रख को देखते हुए देश भर में बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं से आठ दिसंबर को हड़ताल: काम का बहिष्कार करने को कहा गया है.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि ‘बिजली विधेयक में संशोधन जमीनी वास्तविकताओं पर आधारित नहीं हैं बल्कि निजी कंपनियों के हितों को देखना है और इससे राज्य बिजली इकाइयां वित्तीय रूप से दिवालिया हो जाएंगी.’
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