पर्यावरण बचाने में भारत सबसे आगे : पीएम मोदी.............online updates by police prahari news

पेरिस: जलवायु परिवर्तन को एक बड़ी वैश्विक चुनौती बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए व्यापक, न्यायसंगत और दीर्घकालिक समझौते पर सहमति के लिए दुनिया को इसे अत्यावश्यक मानते हुए काम करना होगा.

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संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से इतर एक बेबाक उद्बोधन में मोदी ने जीवनशैली में बदलाव की भी वकालत की ताकि धरती पर बोझ कम हो. उन्होंने कहा कि कुछ की जीवनशैली से विकासशील देशों के लिए अवसर समाप्त नहीं होने चाहिए.
मोदी ने ग्रीन-हाउस गैस उत्सर्जन से लड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दर्शाने वाले एक विशेष भारतीय पवेलियन का यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन स्थल पर उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन एक बड़ी वैश्विक चुनौती है. लेकिन यह हमारी बनाई हुई नहीं है.’’ उन्होंने सम्मेलन से निकलने वाले परिणाम को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि दुनिया अत्यावश्यक आधार पर काम करे.

हम पेरिस में एक व्यापक, न्यायसंगत और दीर्घकालिक समझौता चाहते हैं.’’ प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में और ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ अखबार के आज के संस्करण में विचार वाले हिस्से में लिखे एक लेख, दोनों ही जगह जीवनशैली में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया.

उन्होंने पवेलियन में उपस्थित श्रोताओं से कहा, ‘‘और, मैं जीवनशैली में बदलाव का भी आह्वान करंगा ताकि हम अपनी धरती पर बोझ कम कर सकें. हमारे प्रयासों की स्थाई सफलता हमारे रहने और सोचने के तरीके पर निर्भर करेगी.’’ मोदी ने अपने लेख में लिखा, ‘‘कुछ की जीवनशैली से उन कई देशों के लिए अवसर समाप्त नहीं होने चाहिए जो अब भी विकास की सीढ़ी पर पहले पायदान पर हैं.’’
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