as per एबीपी :
नई दिल्ली: इन दिनों रेल मंत्रालय का ट्विटर हैंडल ‘रेलमिनइंडिया’ काफी चर्चा में है. वजह है इसके जरिए मुसीबत में फंसे रेल यात्रियों को यात्रा के दौरान तुरंत मदद मिलना. अगर आप यात्रा के दौरान किसी परेशानी में फंस जाते हैं तो रेलवे की ये पहल आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है.
सोचिए कि आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं और आपका बच्चा बीमार पड़ जाए तो आप क्या करेंगे. शायद आप बिन बुलाई इस मुसीबत के बारे में सोचकर ही घबरा उठे लेकिन रेल मंत्रालय ने अब आप की मुश्किल आसान कर दी हैं.
रेल मंत्रालय का रेलवे ट्विटर कंट्रोल रूम. कल्पना नाम की एक यात्री अपने एक साल के बच्चे के साथ ट्रेन में जा रही थी तभी उनका बच्चा बीमार हो गया. कल्पना ने तुरंत मेडिकल की मदद के लिए रेल मंत्रालय के ट्विटर हैंडल ‘रेलमिनइंडिया’ पर जानकारी दी.
कल्पना की मदद तो हो गई लेकिन अब आप ये जानना चाहते होंगे कि आखिर ये सब हुआ कैसे. दरअसल, रेल मंत्रालय का ये कमरा भारतीय रेलवे का ट्विटर कंट्रोल रूम है. इसका कामकाज तीन लोगों की टीम देखती है जो किसी भी तरह की मदद या शिकायत से जुड़ा ट्वीट मिलते ही सक्रिय हो जाती है. किसी भी रेल यात्री का ट्वीट आने के बाद ये टीम हरकत में आती है और पांच मिनट के अंदर ही उस तक मदद पहुंचा दी जाती है.
यहां देखें पूरा वीडियो:
रोजाना करीब चार से पांच हजार इस तरह के ट्वीट आते हैं. इसमें रेल यात्री को ट्रेन नंबर के साथ पीएनआर नंबर अपना नाम और शिकायत ट्वीट करना होता है. जब एबीपी न्यूज रेलवे ट्विटर कंट्रोल रूम में मौजूद था तो उसी दौरान वहां एक ट्वीट बिलासपुस से आया था जिसमें स्टेशन के वॉशरूम में गंदगी की शिकायत की गई थी.
आपको ये सब देखकर हैरानी हो रही होगी लेकिन ये सच कर दिखाया है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस नए कदम ने. टीम की निगरानी खुद रेल मंत्री करते हैं. वो खुद अपने ट्विटर हैंडल सुरेशपीप्रभु और रेलवे के ट्विटर हैंडल रेलमिनइंडिया पर नजर रखते हैं. दिन में दो बार इसके कामकाज की रिपोर्ट लेते हैं. मंत्रालय में आने के बाद ट्विटर पर सुबह आए गंभीर मामलों की जानकारी और उस पर लिए गए एक्शन पर चर्चा करते हैं.
ये ट्वीटर कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करता है. आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले रेल मंत्रालय का ट्विटर हैंडल तब सुर्खियों में आया था जब एक महिला के बच्चे का दूध ट्रेन में सफर करने के दौरान ख्त्म हो गया था. उसने भी रेल मंत्रालय के इसी ट्विटर हैंडल पर मदद मांगी थी और कुछ मिनटों के भीतर ही उसे मदद पहुंचाई गई थी.
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