as per एबीपी :
संगीत न सिर्फ मन को सुकून देता है, बल्कि बीमारियों के इलाज में भी असरदार साबित हो सकता है. क्योंकि एक नए अध्ययन में श्वसन संबंधी गंभीर रोगों में संगीत चिकित्सा (म्यूजिक थेरेपी) काफी मददगार साबित हुआ है. संगीत क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के इलाज में प्रभावी योगदान दे सकता है.
सीओपीडी दीर्घावधि की श्वसन संबंधित बीमारी है, जो सांस की तकलीफ, घरघराहट, खांसी, जुकाम और सीने में जकड़न सहित लक्षणों के साथ लगातार बढ़ती जाती है.
निष्कर्षो के आधार पर कहा जा सकता है कि म्यूजिक थैरेपी इन विकारों के परंपरागत इलाज में प्रभावी हो सकती है.
अमेरिका के न्यूयॉर्क में माउंट सिनाई बेथ इजरायल (एमएसबीआई) अस्पताल में अध्ययन के सह-लेखक ‘जोनाथन रस्किन’ के अनुसार, “श्वसन संबंधी रोगों के इलाज में म्यूजिक थैरेपी का हस्तक्षेप इन रोगों के इलाज में म्यूजिक थैरेपी की स्थापना का एक व्यापक आधार प्रदान करता है.”
इस शोध में सीओपीडी पीड़ित 68 लोगों पर अध्ययन किया गया. इसमें छह सप्ताह तक रोगियों के समूह ने संगीत चिकित्सा सत्र में भाग लिया. इन लोगों ने प्रत्येक सत्र में संगीत से जुड़ी कई गतिविधियों में हिस्सा लिया.
जोआन लोएवी ने बताया, लंबे समय से बीमार व्यक्तियों की देखभाल में कई नए तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इसके तहत उन्हें हम संस्कृति, प्रेरणा, रुझान और दैनिक जीवन की विभिन्न गतिविधियों में शामिल कर उनके स्वास्थ्य को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.”
यह अध्ययन ‘रिस्पाइरेटरी मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
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