सोना और शेयर दोनों ने 2015 में निवेशकों को निराश किया...............online updates by police prahari news

शेयर, सोना दोनों ने 2015 में निवेशकों को निराश किया
as per एबीपी :
New Delhi News: निवेशकों को 2015 में दोहरा झटका लगा है. शेयर और सोना दोनों ने ही निवेशकों को निराश किया. वर्ष के दौरान निवेशकों को इनमें निवेश से प्रतिफल नहीं मिला. वैश्विक बाजारों से निकली नकारात्मक हवा से घरेलू मोर्चे पर बनने वाले सकारात्मक धारणा का असर समाप्त होता गया.
हालांकि, कुछ मिडकैप और स्मालकैप शेयर इस स्थिति में भी अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे, लेकिन कुल मिलाकर सेंसेक्स का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. इस साल सेंसेक्स अभी तक 1,650 अंक या छह प्रतिशत टूटा है. कारोबार के अब सिर्फ चार दिन बचे हैं, ऐसे में सेंसेक्स के परिदृश्य में अधिक बदलाव की गुंजाइश नहीं है.
सेंसेक्स सितंबर में एक साल के निचले स्तर 24,833.54 अंक पर आ गया. मार्च में सेंसेक्स एक समय 30,000 अंक से उपर पहुंच गया था. इसे देखते हुए यह गिरावट और बड़ी दिखती है. निवेशकांे की चिंता इसलिए भी अधिक बढ़ गई क्यांेकि सोने और चांदी की कीमतों में भी इस साल क्रमश: 5.84 प्रतिशत और 7.83 प्रतिशत की गिरावट आई.
जुलाई में सोने का भाव 25,000 से नीचे 24,590 रपये प्रति दस ग्राम के 2011 के बाद के निचले स्तर पर आ गया.
प्रभुदास लीलाधर प्राइवेट लि के संस्थागत इक्विटीज प्रमुख आर श्रीशंकर ने कहा, ‘‘घरेलू निवेशकों की धारणा 2015 में सकारात्मक रही. लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों :एफपीआई: की धारणा से परिदृश्य प्रभावित हुआ. विशेषरूप से पिछले आठ माह में उभरते बाजारों की चिंता में एफपीआई ने 28,356 करोड़ रपये की बिकवाली की. एफपीआई के बिकवाली दबाव से शेयरों पर दबाव रहा.’’
वर्ष 2014 में शेयर बाजारों ने लगातार तीसरे साल निवेशकों को सोने और चांदी से अधिक रिटर्न दिया था. बाजार विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतों में गिरावट तथा कमजोर मांग ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला.
सैम्को सिक्युरिटीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, ‘‘2014 में भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन को लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद जो होहल्ला था, वह इस साल समाप्त हो गया और बाजार अपने उच्चस्तर से 17 प्रतिशत तक नीचे आ गया.’’ उन्होंने हालांकि, कहा कि यह बाजार में एक सामान्य करेक्शन है.
उन्होंने कहा कि हालांकि, निवेशक शेयरों के अलावा अब तक निवेश के सुरक्षित विकल्प मोने जाने वाले सोने से दूर रहे.
जिमीत मोदी ने कहा, ‘‘निवेशकों को बहुमूल्य धातुओं से 2004 से 2013 दौरान सर्वश्रेष्ठ रिटर्न मिला. इस तरह की स्थिति लगातार कायम रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती.’’ आंकड़ांे से पता चलता है कि सोने ने पिछले 15 में से 12 साल निवेशकों को रिटर्न दिया है. पिछले दस साल में सोने के दाम औसतन सालाना 20 प्रतिशत बढ़े हैं, जबकि इस दौरान शेयरों में औसतन 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई.
सोने की कीमत 27,200 रपये से घटकर 25,610 रपये प्रति दस ग्राम पर आ गई है. वहीं चांदी का दाम 37,000 रपये से घटकर 34,100 रपये प्रति किलोग्राम पर आ गया है.
‘‘शेयर बाजार ने 2014 में काफी अच्छा लाभ निवेशकों को दिया. सेंसेक्स और निफ्टी के शेयरों ने करीब 30 प्रतिशत रिटर्न दिया जबकि मिड और स्मॉल कैप वाले शेयरों में करीब 52 और 67 प्रतिशत का रिटर्न मिला. यह जीडीपी वृद्धि और कापरेरेट कमाई पर आधारित था.’’ जियोजित बीएनपी पारिबा के निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा, ‘‘उम्मीदें पूरी नहीं हुई. इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि 2014 में बाजार बुनियादी कारकों से आगे निकलकर दौड़ा है.’’
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