as per एबीपी :
New Delhi News: भारतीय दूरसंचार उद्योग ने साल 2015 में 100 करोड़ ग्राहकों के बड़े आंकड़े को लांघ लिया लेकिन कॉल ड्राप के मुद्दे ने उनकी इस उपलब्धि में एक तरह से रंग में भंग डाला. दूरसंचार कंपनियां अब नये साल में रिलायंस जियो की संभावित आमद के मद्देनजर और कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए कमर कस रही हैं.
सरकार को हालांकि उम्मीद है कि कॉल ड्राप की समस्या नये साल में बीती बात बन जाएगी क्योंकि दूरसंचार कंपनियां और अधिक टावर लगा रही हैं. इसके साथ ही कंपनियों के लिए और स्पेक्ट्रम भी यथाशीघ्र उपलब्ध हो सकता है.
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा,‘ सरकार यथाशीघ्र स्पेक्ट्रम की नीलामी करना चाहेगी जो कि ट्राई की सिफारिशों पर निर्भर करता है.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम की कमी कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि स्पेक्ट्रम भागीदारी और कारोबार दिशा निर्देश पहले ही लागू कर दिए गए हैं जिनका इस्तेमाल दूरसंचार कंपनियां अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कर सकती हैं.
वहीं दूरसंचार उपभोक्ता नये साल में अपने मोबाइल बिल में कुछ कमी की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि कई जगह पर सार्वजनिक वाईफाई उपलब्ध हो सकती है. इसको साथ ही 4जी इंटरनेट स्पीड के साथ रिलायंस जियो बाजार में आने वाली है जिससे इंटरनेट की कीमतों पर दबाव होगा.
मौजूदा दूरसंचार कंपनियों ने इस दिशा में पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है. भारती एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया सेल्यूलर पहले ही अपनी 4जी सेवाएं शुरू कर चुकी हैं.
डेलायट हसकिंस एंड सेल्स एलएलपी के पार्टनर हेमंत जोशी ने कहा,‘ कीमतें दबाव में रहेंगी और 2016 में कीमतों के मोर्चे पर अच्छा खासा दबाव देखने को मिल सकता है. कड़ी प्रतिस्पर्धा से कई नवोन्मेषी शुल्क दर योजनाएं सामने आ सकती हैं.’ भारती एयरटेल ने अगले तीन साल में नेटवर्क में 60,000 करोड़ रपये के निवेश की घोषणा की है. इस साल की पहली तिमाही में 1.1 लाख करोड़ रपये के स्पेक्ट्रम अधिकार बेचे गए. सरकार अब स्पेक्ट्रम नीलामी के दूसरे दौर की तैयारी कर रही है जो कि अगले साल होगी.
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