as per एबीपी :
यौन और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भारत में प्रमुख स्वास्थ्य चिंताएं बनती जा रही हैं और अगर समय रहते इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह गंभीर रूप ले सकती हैं. यह बात लाइब्रेट हेल्थ स्केप इंडिया-2015 की रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिन मसलों पर पहले बात करने में शर्म महसूस की जाती थी, अब लोग उन पर खुल कर बात करने लगे हैं. लेकिन इसके बारे में खुलकर बात न करना अब भी समस्या बनी हुई है.
लोगों की जानकारी गुप्त रखने वाले भारत के प्रमुख ऑनलाइन स्वास्थ्य प्लेटफार्म ने पिछले 12 महीनों में पांच करोड़ मामलों के आधार पर ये अंकड़े जारी किए हैं.
रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि लाइब्रेट के 90 हजार डॉक्टरों से सलाह लेने वालों में से 50 प्रतिशत लोगों ने यौन और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सलाह ली. सबसे प्रमुख सात समस्याओं का प्रतिशत इस प्रकार है : यौन (32), मानसिक (21), जीवनशैली से जुड़ी (15), आहार और पोषण (12), महिला स्वास्थय (11), चर्म रोग (5) और बाल स्वास्थ्य (4).
स्वास्थ्य संबंधी भरोसमंद अंकड़े भारत में प्रमुख समस्या है और यह बीमीरियों के बेहतर इलाज, शोध और विकास के लिए नीतियां बनाने में रुकावट बनता है.
लाइब्रेट के सीईओ सौरभ अरोड़ा कहते हैं, “लाइब्रेट तकनीक के जरिये लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थय सेवाएं पहुंचा रहा है और इस दौरान हमें जो अंकड़े प्राप्त हुए हैं, उससे क्षेत्र, लिंग और उम्र वर्ग के हिसाब से स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हमें मिली है.”
अंकड़ों से यह भी पता चला है कि डॉक्टरों से बात करने के मामले में महिलाओं की बजाय पुरुष ज्यादा सक्रिय हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के लोगों ने ज्यादातर यौन समस्याओं के बारे में पूछा, जबकि मुंबई के लोगों ने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अधिक उत्सुकता दिखाई. बेंगलुरू में जीवनशैली की समस्याएं प्रमुख रहीं तो कोलकता में महिलाएं अन्य महानगरों के मुकाबले अपने रोगों के प्रति ज्यादा सजग नजर आईं.
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