लड़की के लिए देश से गद्दारी?................latest news update

लड़की के लिए देश से गद्दारी?
as per एबीपी :
New Delhi :हनीट्रैप-यानी शहद का जाल लेकिन जासूसों की दुनिया में हनी ट्रैप का मतलब है लड़कियों का जाल. इसी जाल में फंसाकर पड़ोसी देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने एक देशभक्त को गद्दार बना दिया. ISI ने वायुसेना में हनी ट्रैप के जरिए एक अधिकारी से हासिल कर लीं खुफिया जानकारियां. ये अधिकारी अब सलाखों के पीछे है और पुलिस उससे ISI के हनी ट्रैप की जानकारिय़ां निकलवा रही है.
वायुसेना का एयरक्राफ्ट्स मैन पाकिस्तान का जासूस निकला. देश की खुफियां जानकारियां पाकिस्तान को देने का आरोप इस शख्स पर और इसे गद्दार बनाया एक लड़की ने. एक लड़की जो दिखती नहीं थी सिर्फ बोलती थी.

लड़की जो सिर्फ एक फरेब थी और उस फरेब का नाम है ISI. ये कहानी है ISI के हनी ट्रैप की.

पुलिस की गिरफ्त में आए इस शख्स का नाम के के रंजीत है और ये वायुसेना में बड़ा अधिकारी हुआ करता था. लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के हनी ट्रैप में ये ऐसा फंसा कि सीधे जेल पहुंच गया.
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केरल का रहने वाला रंजीत भारतीय वायुसेना में साल 2010 में भर्ती हुआ था. फिलहाल वो एयरक्राफ्ट्स मैन के पद पर पंजाब के भठिंडा में तैनात था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और एयरफोर्स मिलिट्री इंटेलिजेंस के ज्वाइंट ऑपरेशन में भठिंडा से ही इसे गिरफ्तार किया गया.

रंजीत पर एयरफोर्स से जुड़ी खुफिया जानकारियां ISI को देने का आरोप लगा है. रंजीत को अपने जाल में फंसाने के लिए ISI ने हनी ट्रैप यानी लड़की का सहारा लिया.

हनी ट्रैप में कैसे फंसा ?
ISI ने फेसबुक पर एक फर्जी लड़की दामिनी मैकनॉट के नाम से अकाउंट बनाकर रंजीत से दोस्ती की.
साल 2012 में रंजीत के पास दामिनी मैकनॉट की प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट यानी दोस्ती की पेशकश आई. प्रोफाइल में लड़की की खूबसूरत तस्वीर देखकर रंजीत ने फौरन ही दोस्ती कबूल कर ली और फिर बातचीत का सिलसिला चल पड़ा, दोनों में अंतरंग बातें भी होने लगीं.

दामिनी मैकनॉट ने खुद को ब्रिटिश मैगजीन की कर्मचारी बताया और कहा कि मैगजीन सेना से जुड़ी खबरें छापती है. दामिनी ने रंजीत से कहा ब्रिटेन की मैगजीन में उसकी दी जानकारियां छापी जाएंगी. बदले में रंजीत को पैसे भी मिलेंगे.

दामिनी ने रंजीत को इंग्लैंड में नौकरी लगवाने की झांसा भी दिया. फेसबुक चैट के दौरान ही रंजीत एयरफोर्स से जुड़ी जानकारियों दामिनी को भेजने लगा. रंजीत ने एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों और एयरफोर्स बेस की गोपनीय जानकारी भी दामिनी को दीं.

सुखोई और अन्य लड़ाकू विमानों की मौजूदा लोकेशन के बारे में भी बताया. जैसलमेर-ग्वालियर एयरफोर्स की सूचनाएं भी दामिनी की प्रोफाइल से साझा कीं. रंजीत ने वायुसेना के अधिकारियों के नाम, उनके मोबाइल नंबर, उनके फोटो तक दामिनी को भेजे. रंजीत के अकाउंट में दो बार में तीस हजार रुपये भी जमा करवाए गए थे.
खुफिया एजेंसियां रंजीत पर पिछले कई महीने से नजर रखे हुई थीं जैसे ही रंजीत के खिलाफ सबूत पुख्ता हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
रंजीत को वायुसेना ने नौकरी से निकाल दिया है. फिलहाल वो दिल्ली पुलिस की चार दिन रिमांड पर है. रंजीत की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियां करीब दो हजार सरकारी अफसर और कर्मचारियों के फेसबुक पर नजर रख रही हैं. शक है कि इन्हें भी हनी ट्रैप में फंसाया जा रहा है.

क्या है हनी ट्रैप ?
हनी ट्रैप यानी लड़कियों का इस्तेमाल करके किसी को फंसाना. लड़कियां पहले तो अपने शिकार को फंसाती हैं फिर उसे अपनी बातों में उलझाकर उससे जानकारियां निकलवाती हैं. इसके अलावा लड़कियां अपने शिकार के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें या बातचीत भी रिकॉर्ड कर लेती हैं और फिर उसे ब्लैकमेल करती हैं. हनी ट्रैप में लड़कियां भी किसी के इशारे पर काम करती हैं.


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