ट्रेन में चाय पीने से पहले पढ़ लें यह खबर, होश उड़ जाएंगे..............online updates by police prahari news

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ट्रेनों की चाय की चाय में जो दूध मिलाया जा रहा है वह सिंथेटिक तो नहीं? उत्तर प्रदेश के बरेली में खाद्य विभाग ने एक जगह छापा मारा जिसके बाद ऐसा ही लग रहा है। लगातार मिल रही इन सूचनाओं के आधार पर खाद्य विभाग की टीम ने शहर के चौबे वाली गली के एक मकान में छापा मारा जहां डिप वाली चाय के लिए दूध के कंटेनर तैयार मिले और खाने के पैकेट भी तैयार हो रहे थे। यह चाय और खाना रेलवे स्टेशन परिसर में और अकालतख्त और गरीबरथ समेत कई ट्रेनों में सप्लाई हो रहे हैं।

एक नजर देखने में सिंथेटिक लग रहे इस दूध के तीन नमूने भरे गए हैं। साथ ही चंदौसी में बने केक को भी जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। मुरादाबाद से बरेली होकर लखनऊ की ओर जाने वाली गरीबरथ, अकाल तख्त तथा अन्य दर्जन भर ट्रेनों में खाने के पैकेट और डिप वाली चाय यहां से सप्लाई की जाती है। जिसका ठेका दिल्ली के सनराइज हॉस्पिटेलिटी प्रा.लि के पास है। उसी कंपनी के अनिल कुमार सहित आधा दर्जन अधिकारी चाय और खाना तैयार करते हैं। आसपास के लोगों ने शिकायत की थी कि यह धंधा यहां पर करीब दो साल से चल रहा है।

चीनी मिले हुए गर्म दूध के छह कंटेनर पकड़े

चीनी मिले हुए गर्म दूध के छह कंटेनर पकड़े



वाहनों से यह सामान रेलवे स्टेशन ले जाया जाता है। इसी शिकायत पर जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गुरुवार की देर रात चौबे वाली गली में छापा मारा और वहां पर चीनी मिले हुए गर्म दूध के छह कंटेनर पकड़े।

इनके साथ डिप वाली चाय के पैकेट भी थे। प्रथम दृष्टया इन कंटेनरों में भरा हुआ चीनी युक्त गर्म दूध सिंथेटिक प्रतीत हुआ है। जिसके तीन नमूने लिए गए।

एफएसडीए की टीम को ट्रेनों में सप्लाई होने वाला फ्रूट केक भी मिला है। जो कि चंदौसी के गुरुजी ब्रांड का बना हुआ है। इसकी क्वालिटी पर भी सवाल खड़े करते हुए दोनों के नमूनों को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेज दिए हैं।

सिंथेटिक दूध की आशंका, पुष्टि को नमूने लिए

सिंथेटिक दूध की आशंका, पुष्टि को नमूने लिए
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय जैसवाल का कहना है कि प्रथम दृष्टया चीनी मिश्रित दूध सिंथेटिक प्रतीत होता है।मौके पर मिले अनिल कुमार सहित चार युवकों के पास सनराइज हॉस्पिटेलिटी प्रा.लि के परिचय पत्र भी मिले हैं। उन्होंने दर्जनभर ट्रेनों में इस खाद्य सामिग्री की सप्लाई करने की पुष्टि की है। जिसके आधार पर कंपनी के अधिकारियों से जानकारी मांगी है। प्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्त के माध्यम से भी दिल्ली की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है। क्योंकि दूसरे प्रांत में कार्रवाई का अधिकार प्रदेश स्तरीय अधिकारियों को है।

अवैध वेंडरों की भरमार
बरेली। रेलवे में वास्तविक वेंडरों की संख्या से करीब दो गुने अवैध वेंडर हैं। ये वेंडरों की ड्रेस में एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में सिंथेटिक दूध की चाय, काफी, कोल्ड ड्रिंक, ब्रांडेड पैकिटों में घटिया बिस्कुट, ब्रांडेड कंपनियों की बोतल में नकली पानी, समोसे, चाकलेट तथा अन्य सामान बेचते हैं। जिसमें रेलवे अधिकारियों के साथ-साथ जीआरपी और आरपीएफ भी शामिल होती है।
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