as per ABP :
नई दिल्ली/इस्लामाबाद: इमरान खान ने रेहाम को मोबाइल पर मैसेज भेजकर तलाक दिया था तब रेहाम पाकिस्तान से बर्मिंघम की फ्लाइट में थीं. जैसे ही वो विमान से उतरीं तलाक का मैसेज मिला. कभी दुनिया के तेज गेंदबाज और आज की तारीख में पाकिस्तान की राजनीति की धुरी बन चुके इमरान खान की लव स्टोरी का ये द एंड था. दस महीने चली शादी की हर तारीख विवादों में गुजरी थी. दोनों के बीच जो हुआ वो राज तो दोनों के सीने में दफ्न है लेकिन अफवाहें दुनियाभर की उड़ीं बातें बनी-बनाई गईं. इमरान के घरवालों के हवाले से कई कहानियां छपीं. इमरान की पार्टी को सफाई तक देनी पड़ी थी. अब रिश्ता टूटने के दो महीने बाद एबीपी न्यूज संवाददाता आशीष कुमार सिंह को रेहाम ने सुनाई रिश्ते की पूरी कहानी.
पढ़ें- रेहाम खान का विशेष इंटरव्यू सवाल दर सवाल
सवाल- भारत में भी लोग जानना चाहते हैं कि क्या वजह थी कि आपको अपने पति(इमरान खान) से अलग होना पड़ा और आप खुद एक कॉफ्रेंस में भारत आने वाली थीं लेकिन अचानक उसको कैंसिल करना पड़ा?
जवाब- भारत में और पाकिस्तान में जो बहने सुन रही होंगी कि हम चाहें जितने प्रोफेशनल्स हों काम कर रही हों सेलेब्रिटी भी हों लेकिन जब शादी हो जाती है तो हम पति परमेश्वर की राह पर चल देते हैं और शायद भूल जाते हैं कि हमारी अपनी आवाज क्या है. एक जर्नल है बड़ा पब्लिकेशन है उन्होंने सितंबर में बहुत पहले मुझे महिला सशक्तिकरण पर बोलने के लिए बुलाया और साथ ही मेरा मिशन है बच्चों के हक के लिए कुछ करना और बाल श्रम के खिलाफ आवाज उठाना तो मैंने दिल्ली में तीन जगहों पर स्ट्रीट बाल श्रम को लेकर जोड़ने की कोशिश की लेकिन मुझे घर से और पार्टी से मना कर दिया गया तो मैंने अपने रिश्ते को बरकरार रखने के लिए उसे आखिरी मौके पर भारत दौरा कैंसिल कर दिया. अब मुझे अफसोस है क्योंकि इंसान जो दिल से करना चाहे उसको छोड़ना नहीं चाहिए. सही बात पर खड़े रहना चाहिए लेकिन मैं अब फिर से भारत आऊंगी.
तीन साल पहले 2012 में इमरान और रेहाम मिले थे तब रेहाम बीबीसी में टीवी एंकर थीं और इमरान पाकिस्तान के कद्दावर नेता. रिश्ता बना, बढ़ा और फिर बिगड़ा. रेहाम के मुताबिक रिश्ते में रोड़ा बनी इमरान खान की पार्टी.
सवाल- आपने कहा कि आप तहरीक ए इंसाफ से नहीं जुड़ी थीं फिर क्या वजह थी कि पार्टी ने आपको रोका?
जवाब- हमारे दोनों देशों में जब लड़कियां शादी करती है तो पूरी कोशिश करती हैं कि वो रिश्ता निभा सकें उस रिश्ते को कहीं से भी ठेस ना पहुंचे और जो मेरी बहनें देख रही होंगी चाहें वो सेलेब्रिटी हों या नहीं लेकिन सबके साथ दिक्कत वही है तो दखलंदाजी की हमें आदत होती है और उम्मीद भी होती है कि कहीं ना कहीं से दखलंदाजी होगी. लेकिन अगर रिश्ता मजबूत हो तो कोई दखलंदाजी हो या कोई एतराज जताए तो आप उस मुश्किल वक्त को पार कर सकते हैं अगर रिश्ता कमजोर हो अगर आप मजबूती से ना खड़े रहें हर प्रेशर के बाद खड़े ना हो पाएं तो रिश्ता टूट जाता है तो मुझे व्यक्तिगत रूप से कोई दिक्कत नहीं थी. जाहिर है जो दखलंदाजी थी वो पहले भी थी लेकिन जिस बात की मुझे तकलीफ हुई कि पूरा साल या दस महीने तक मेरे साथ वही रवैया होता रहा और उनको रोकने के लिए मुझे कोई नहीं बोला और मैं भी उस परिस्थिति में नहीं थी कि मैं बोलूं जाहिर है आप किसी राजनीतिज्ञ से जुड़े होते हैं तो आप पर बहुत सी बंदिशें होती हैं बहुत सी पॉलिसी होती हैं तो मुझे ये कहा गया कि मैं भी कुछ ना कहूं जो भी बाउंसर मेरी तरफ आए उसको वेल लेफ्ट करा दूं।
जब पार्टी खिलाफ थी तो जाहिर है घर में हालात ठीक नहीं रहे होंगे. अक्टूबर में इमरान और रेहाम का तलाक हुआ लेकिन रेहाम की जिंदगी उसके बाद भी बदतर बीती. क्योंकि जो खबरें मीडिया में चलीं उसने रेहाम को अंदर से तोड़कर रख दिया.
जब पार्टी खिलाफ थी तो जाहिर है घर में हालात ठीक नहीं रहे होंगे. अक्टूबर में इमरान और रेहाम का तलाक हुआ लेकिन रेहाम की जिंदगी उसके बाद भी बदतर बीती. क्योंकि जो खबरें मीडिया में चलीं उसने रेहाम को अंदर से तोड़कर रख दिया.
सवाल- किस तरह का के हमले की बात कर रही हैं आप?
जवाब- भारत में शायद पता ना हो लेकिन जब शादी की बात आई तो उस वक्त से जिस वक्त तक रिश्ता टूटा और उसके एक महीने बाद तक अभी तक जब तक मैं नहीं बोली मुझ पर मेरे बच्चों पर मेरे परिवार पर नाम लेकर सोशल मीडिया पर मीडिया में बेहद गिरी हुई बातें की गईं तो वो शोभा नहीं देता. आप पत्रकार हैं मैं पत्रकार हूं तो पत्रकारिता के पेशे को बदनाम किया गया. सबसे बड़ी बात ये है कि पाकिस्तान में और भारत में बहुत अच्छे लोग हैं अगर अच्छे लोग ना होते और मुझे इस धरती से प्यार ना होता तो मैं वापस ना आती. लेकिन चार, पांच आवाजें मीडिया में जो कि खरीदी जा सकती हैं और जिनके अपने एजेंडा भी हो सकते हैं उनसे इस तरह की बाते कहलवाकर पूरे इलाके को बदनाम किया जाता है. पाकिस्तान को तो खासतौर पर ये ताना दिया जाता है कि सारे पाकिस्तानी मर्द ऐसे हैं लेकिन ऐसा नहीं है तो इस बात पर मेरे लिए जरूरी था कि मैं वापस आऊं और आवाज उठाऊं कि नहीं ऐसा नहीं है. मैं इस देश में खुश हूं इस धरती के साथ बहुत गहरा रिश्ता है और मैं कुछ करना चाहती हूं तो कुछ लोग अगर ऐतराज जताएंगें तो उससे मैं डर नहीं जाऊंगी ये इसलिए भी बहुत जरूरी है क्योंकि मैं एक पब्लिक फिगर हूं और मेरी परवरिश एक खास तरीके से हुई है मेरी परवरिश ऐसी हुई है जहां बोलने की भी इजाजत है शिक्षा का माहौल है और मैं अगर बोलूंगी तो उसपर एतराज नहीं होगा।
मीडिया में सुर्खियां बनी कि रेहाम ने पहले इमरान के कुत्तों की बेडरूम में एंट्री बैन करवाई और फिर घर को अपनी बेटी और बेटों के हिसाब से सेट कराया. जो अलग होने की वजह बना इमरान के परिवारवालों के हवाले से छपा कि, ”इमरान के रिश्तेदार तो घर आना कम हो गए लेकिन रेहाम के परिवारवाले घर आते रहे.” रेहाम को इमरान की अपनी पूर्व पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ से बढ़ती नजदीकियों से परेशानी थी. रेहाम की वजह से इमरान खान की बहनें आना कम हो गई थी. रेहाम पहली शादी की चर्चा करती रही थीं. रेहाम राजनीति में आना चाहती थीं जिसके खिलाफ पार्टी भी थी और इमरान के भरोसेमंद भी.
ये तमाम बातें तो तब कही गई जब दोनों अलग हुए लेकिन तलाक से पहले जो कुछ रेहाम के साथ हो रहा था वो कहानी पहली बार दुनिया के सामने आ रही है.
सवाल- इस बात से तकलीफ नहीं हुई कि आपको पति ने इस सब चीजों को नहीं रोका जब आपको निशाना बनाया जा रहा था?
जवाब- अगर किसी रिश्ते में सब चीजें सही तरह से चल रही हों तो फिर वो रिश्ता टूटे ही क्यों मेरा ख्याल है वो रिश्ता टूट गया जाहिर है हमारी आपस में नहीं बनी उसकी कुछ वजह थीं जहां दो लोग खुश ना हों उनकी मंजिल एक ना हो तो बेहतर है कि वो अलग हो जाएं ताकि वो जैसे जीना चाहते हों वैसे जिएं. मैं अपने उसूलों से जुड़ी हूं मैं उनसे समझौता नहीं करता चाहती हूं और बाकी लोगों की अपनी जिंदगी में अलग मंजिलें होंगीं बेहतर है कि जहां आपके उसूल एक ना हों जहां आपकी राहें जुदा हों वहां दिखावा करने की जरूरत नहीं होती।
अफसोस ज्यादा इसलिए है क्योंकि रिश्ते जुड़ना या टूटना ऊपरवाले के हाथ में है आजकल तो हम बहुत आगे भी चल पड़े हैं जहां तलाक इतना असामान्य भी नहीं रहा लेकिन एक औरत पर टैग लगता है क्योंकि शादी करते वक्त भी मुझे कहा जाता था कि मैं तलाकशुदा हूं हांलाकि हम दोनों तलाकशुदा थे. मैं तीन बच्चों की मां हूं लेकिन जिनसे शादी करने जा रही हूं वो कंवारे हैं तो ये सोच हमें बदलनी होगी अभी भी मैं दो बार तलाकशुदा हूं लेकिन जिनसे शादी हुई वो नहीं हैं । तकलीफ की बात इसलिए है क्योंकि हम पढ़े लिखे लोगों से इस तरह की बात की आशा नहीं रखते। जो लोग बाहर ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज से पढ़े हुए नहीं हैं वो बहुत ज्यादा समझदार हैं लेकिन जो पढ़े लिखे हैं वो अनपढ़ों की तरह व्यवहार करते हैं ।
इमरान खान ने इंग्लैंड की जेमिमा गोल्डस्मिथ के साथ निकाह किया था लेकिन ये रिश्ता 2004 में टूट गया. रेहाम ने भी इमरान से पहले एक और निकाह किया था लेकिन वो शादी भी नहीं टिकी. रेहाम 2013 में पाकिस्तान लौटी थीं और तीन साल के रिश्ते को नया नाम मिला था. लेकिन चर्चा ये भी थी इमरान के पास वक्त की कमी भी रिश्तों में कड़वाहट की वजह बनी थी.
सवाल- आपको इस बात का अफसोस था आपको कि वो आपको ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं रोमांटिक नहीं हैं और एक और बात जो सुनी थी कि इमरान खान के परिवार से आपको सपोर्ट नहीं था आपके निकाह में उनकी बहनें नहीं आईं थीं?
जवाब- जो रिश्ता टूटना होता है उसको कोई नहीं रोक सकता अगर कोई रोक सकता है तो जो दो लोग जुड़े हैं वो रोक सकते हैं तो इस शादी के खिलाफ तो उस वक्त भी लोग थे लेकिन शादी तो हुई तो उस खिलाफत को पूरी तरह से दोष देना ठीक नहीं.
अपने आप में भी इतनी ताकत होनी चाहिए क्योंकि जब शादी करने का इरादा किया था तब भी तो सब खिलाफ थे। दूसरी बात की वो व्यस्त रहते थे तो मेरे साथ जो लोग काम करते हैं वो जानते हैं कि मैं आठ दिन हफ्ते में काम करती हूं 24 घंटे से ज्यादा काम करती हूं. समझदार होने के नाते मैं ये सोचती ही नहीं थी कि वो मेरा ख्याल है सारी शादीशुदा औरतें चाहेंगीं कि उनका पति शाहरुख खान की तरह गाना गाते हुए अंदर आएं.
ऐसा होता नहीं है लेकिन अगर शरीफ इंसान हो और अखबार पढ़े खामोशी से तो इसपर किसे एतराज होगा। तो जब शादी हो जाती है तो कोई भी रोमांटिक नहीं रहता है मैं खुद भी बहुत रूखी मिजाज की हूं।
एक सेलिब्रिटी की राजनेता से शादी हाईप्रोफाइल ही होती है. इसलिए जब रेहाम और इमरान एक हुए थे तो लव स्टोरी को लेकर किस्से छपे. अब रेहाम बताती हैं कि तब ऐसा कुछ रोमांटिक नहीं हुआ था.
मुझसे पूछा गया कि रिश्ता कैसे आया तो मैंने कहा कि कोई रोमांटिक सैटिंग नहीं थी क्योंकि अगर होती तो शायद मैं हां नहीं करती क्योंकि मैं काफी गंभीर रहती हूं. तो ये बात गलत है क्योंकि मैंने उन्हें कहा कि अगर आप 24 घंटे में 22 घंटे काम करें और पाकिस्तान के लिए काम करें उसकी बेहतरी के लिए काम करें तो मैं एक बार भी ऐतराज नहीं करूंगी।
सवाल- कहीं इमरान खान को इस बात की असुरक्षा तो नहीं थी कि रेहाम इतनी एक्टिव हैं कहीं पार्टी को ही ना छीन लें मुझसे बड़ी नेता वो ना बन जाएं?
जवाब- मेरा मानना है कि जो भी इज्जत मिलती है इंसान को वो आपके हाथ में नहीं होती है आप चाहें सौ हाथ पांव मार लें लेकिन जो मेरे हिस्से में है वो मुझे मिलेगा जो आपके में है वो आपको मिलेगा। देखिए हमारे देश में दो नागरिकता वाला व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता मेरे बच्चे इग्लैंड में हैं वहां पढ़ रहे हैं कल उनकी शादी होगी बच्चे होंगे तो मैं ज्यादा वक्त उनके साथ गुजारूंगी तो मैंने तो ये गारंटी दी थी।
मेरी तरफ से तो ऐसा कुछ नहीं था लेकिन वो क्या सोचते थे उनसे पूछने की बात है मैं तो बस समाज में बदलाव करना चाहती हूं और जैसे हमारी सरकार चल रही है वैसे तो नहीं हो सकता ।
सवाल- क्या आपको निशाना बनाने में इमरान खान के परिवार के लोगों का हाथ था?
जवाब-एक वर्ग था घर के अंदर भी और बाहर भी जो हमारे रिश्ते के खिलाफ था ये इंसान के ऊपर है कि आप इतने दवाब में भी खड़े हो सकते हैं कि नहीं।
जवाब-एक वर्ग था घर के अंदर भी और बाहर भी जो हमारे रिश्ते के खिलाफ था ये इंसान के ऊपर है कि आप इतने दवाब में भी खड़े हो सकते हैं कि नहीं।
सवाल- इमरान कैसे शख्स थे? क्या उनमें ये कमी थी कि वो अपनी पत्नी को नहीं संभाल पाए?
जवाब- रिश्ता इसी वजह से टूटता है जब कोई कमी होती है तो शायद कुछ कमी मुझमें थी कुछ उस तरफ थी।
इंसाफ करने वाला ऊपर बैठा है तो जो रिश्ता टूट गया उसके बारे में बात करने से कोई फायदा नहीं अगर रिश्ते में दम होता तो टूटता ही नहीं और आज हम ये बात नहीं कर रहे होते।
इंसाफ करने वाला ऊपर बैठा है तो जो रिश्ता टूट गया उसके बारे में बात करने से कोई फायदा नहीं अगर रिश्ते में दम होता तो टूटता ही नहीं और आज हम ये बात नहीं कर रहे होते।
सवाल-ये एक आखिरी विकल्प था आपके लिए?
जवाब- बहुत से लोग कहते हैं कि आप सियासत के लिए बाहर आईं मैंने वो किया जहां मुझे भेजा गया जहां मुझे सराहा गया मेरा स्वभाव है कि मैं जो आपसे कह रही हूं वो मेरे दिल में है ।
जवाब- बहुत से लोग कहते हैं कि आप सियासत के लिए बाहर आईं मैंने वो किया जहां मुझे भेजा गया जहां मुझे सराहा गया मेरा स्वभाव है कि मैं जो आपसे कह रही हूं वो मेरे दिल में है ।
इमरान के साथ दस महीने गुजार चुकी रेहाम को अब पाकिस्तान में शोहरत भी मिली है और नई पहचान भी . रेहाम भी राजनीति का रुख करने जा रही हैं..
सवाल- क्या आप राजनीति में आएंगी?
जवाब- जिस तरह से राजनीति हो रही है उसे बदलना पड़ेगा क्योंकि राजनीति कुर्सी और पॉवर के लिए हो रही है हम उन नेताओं को चुनते हैं जो हमारे मसले को समझ ही नहीं सकते जो हमारी जबान ही नहीं बोलते जिनकी सैलरी वो नहीं जो हमारी है जो इनकम टैक्स ही नहीं देते जो पीने का पानी बाहर से पीते और हमारी 80 फीसदी आबादी के पास पीने का पानी ही नहीं है तो वो मेरा आपका दुख कैसे समझेगा जो कभी बैंक में खड़ा ही नहीं हुआ जिसने कभी धक्के ही नहीं खाए वो शख्स कैसे
जवाब- जिस तरह से राजनीति हो रही है उसे बदलना पड़ेगा क्योंकि राजनीति कुर्सी और पॉवर के लिए हो रही है हम उन नेताओं को चुनते हैं जो हमारे मसले को समझ ही नहीं सकते जो हमारी जबान ही नहीं बोलते जिनकी सैलरी वो नहीं जो हमारी है जो इनकम टैक्स ही नहीं देते जो पीने का पानी बाहर से पीते और हमारी 80 फीसदी आबादी के पास पीने का पानी ही नहीं है तो वो मेरा आपका दुख कैसे समझेगा जो कभी बैंक में खड़ा ही नहीं हुआ जिसने कभी धक्के ही नहीं खाए वो शख्स कैसे
सवाल- आप खुद को बचाती क्यों नहीं इन सब इल्जामों से?
जवाब- मैं वापस ही इसलिए आई हूं जिसके दिल में चोर होता है वो कहीं छुपकर बैठ जाता है मैं हिम्मत रखती हूं और कई बार ऐसे वक्त से गुजरी हूं तो मैं अपने लिए भी खड़ी हो सकती हूं और सभी औरतों के लिए भी।
रेहाम-इमरान की लव स्टोरी का चेप्टर बंद हो चुका है लेकिन अगर रेहाम राजनीति में उतरीं तो कभी साथ जीने-मरने की कसमें खाने वाले इमरान और रेहाम पाकिस्तान की जमीन पर आमने-सामने होंगे.. और तभी ये लव स्टोरी याद की जाती रहेगी.
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