as per Amar ujala :
‘अमर उजाला फाउंडेशन’ की ओर से कानपुर की नौबस्ता गल्ला मंडी स्थित चित्रा इंटर कालेज में छात्र छात्राओं के बीच ‘पुलिस की पाठशाला’ का आयोजन हुआ।
मुख्य अतिथि डीआईजी नीलाब्जा चौधरी छात्र छात्राओं के बीच क्लास के मानीटर की भूमिका में नजर आए, जो बच्चों के साथी भी थे और मार्गदर्शक भी।
बच्चों ने भी बिना किसी झिझक के अपने मॉनीटर के सामने सवालों की झड़ी लगा दी। छात्राओं ने छेड़खानी, छींटाकशी और चेन व पर्स लूट जैसी घटनाओं का हवाला दिया तो डीआईजी को कहना पड़ा कि महिलाओं और लड़कियों के प्रति पुलिस में संवेदनशीलता की कमी है, जिसे दूर करने के लिए महिला पुलिस बल की संख्या बढ़ाई जा रही है।
इससे पहले डीआईजी ने ‘पुलिस अच्छी है कि बुरी’ पुलिस का मुख्य कार्य क्या है आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी दी। कार्यक्रम में कालेज प्रबंधन की ओर से रेनू सचान, डॉ ममता श्रीवास्तव, जनमेत सिंह, ब्रजेंद्र सिंह गौतम, अखिलेश सचान, स्नेहा सचान आदि मौजूद रहे। आगे हैं कुछ सवाल जो बच्चों ने डीआईजी से पूछे...
1090 का प्रचार शहर में तो है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में क्यों नहीं?-सौरभ सिंह
बिल्कुल ठीक बात है, नए माध्यम तलाश कर उन्हें अमल में लाने का प्रयास होगा, ताकि गांव-गांव तक 1090 का इस्तेमाल हो।
•रात के वक्त सड़कों पर लड़कियां और महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं?-12 वीं की छात्रा नंदिता खन्ना
दो राय नहीं है कि पुलिस में संवेदनशीलता की कमी है, फिर फोर्स भी इतनी नहीं है कि हर सड़क पर खड़ी की जा सके। फिलहाल महिला पुलिस के साथ साथ संसाधन भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण टिप्स
•कोई घटना देखें या पता लगे तो जानकारी पुलिस को भी अवश्य दें।
• फेसबुक और व्हाट्सअप का प्रयोग सिर्फ अच्छी जानकारी के लिए करें।
•जाम कहीं मिले तो कंट्रोल रूम या नजदीक के थाने को सूचित करें।
‘अमर उजाला फाउंडेशन’ की ओर से कानपुर की नौबस्ता गल्ला मंडी स्थित चित्रा इंटर कालेज में छात्र छात्राओं के बीच ‘पुलिस की पाठशाला’ का आयोजन हुआ।
मुख्य अतिथि डीआईजी नीलाब्जा चौधरी छात्र छात्राओं के बीच क्लास के मानीटर की भूमिका में नजर आए, जो बच्चों के साथी भी थे और मार्गदर्शक भी।
बच्चों ने भी बिना किसी झिझक के अपने मॉनीटर के सामने सवालों की झड़ी लगा दी। छात्राओं ने छेड़खानी, छींटाकशी और चेन व पर्स लूट जैसी घटनाओं का हवाला दिया तो डीआईजी को कहना पड़ा कि महिलाओं और लड़कियों के प्रति पुलिस में संवेदनशीलता की कमी है, जिसे दूर करने के लिए महिला पुलिस बल की संख्या बढ़ाई जा रही है।
इससे पहले डीआईजी ने ‘पुलिस अच्छी है कि बुरी’ पुलिस का मुख्य कार्य क्या है आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी दी। कार्यक्रम में कालेज प्रबंधन की ओर से रेनू सचान, डॉ ममता श्रीवास्तव, जनमेत सिंह, ब्रजेंद्र सिंह गौतम, अखिलेश सचान, स्नेहा सचान आदि मौजूद रहे। आगे हैं कुछ सवाल जो बच्चों ने डीआईजी से पूछे...
यहां है बच्चों के सवाल और डीआईजी के जवाब
•गल्ला मंडी में मुझे पुलिस के सामने लड़के ने छेड़ा, बहुत बुरा फील हुआ।
आप बताएं, कहां का मामला है, इसे तत्काल दिखवाया जाएगा।
(डीआईजी के जाते ही मौके पर मौजूद मंडी चौकी इंचार्ज सुनील तिवारी के पसीने छूट गए और शोहदे का नाम पता जानने के लिए शिकायतकर्ता छात्रा से पूछताछ में जुट गए।)
12वीं के छात्र विमल ने लौटते हुए डीआईजी का रास्ता रोककर उन्हें बताया कि डेढ़ माह पूर्व लुधियाना में उसके मर्चेंट नेवी में कार्यरत भाई की पीटकर हत्या की गई थी, पुलिस अब तक कुछ नही कर सकी।
जब छात्र रो पड़ा तो डीआईजी ने उसे फोर्स के सुपुर्द करते हुए उसकी पूरी बात सुनकर बाद में उन्हें बताने को कहा।
•यदि हम किसी घटना की जानकारी देना चाहें, तो पुलिस पर भरोसा कैसे करें?-6वीं की छात्रा वर्तिका
पूरा भरोसा कर सकते हैं, कुछ नंबर जैसे 100, 1090 आदि ऐसे उपाय हैं, जिनमें सूचना देने वाले का नाम और पता गुप्त रखा जाता है।
आप बताएं, कहां का मामला है, इसे तत्काल दिखवाया जाएगा।
(डीआईजी के जाते ही मौके पर मौजूद मंडी चौकी इंचार्ज सुनील तिवारी के पसीने छूट गए और शोहदे का नाम पता जानने के लिए शिकायतकर्ता छात्रा से पूछताछ में जुट गए।)
12वीं के छात्र विमल ने लौटते हुए डीआईजी का रास्ता रोककर उन्हें बताया कि डेढ़ माह पूर्व लुधियाना में उसके मर्चेंट नेवी में कार्यरत भाई की पीटकर हत्या की गई थी, पुलिस अब तक कुछ नही कर सकी।
जब छात्र रो पड़ा तो डीआईजी ने उसे फोर्स के सुपुर्द करते हुए उसकी पूरी बात सुनकर बाद में उन्हें बताने को कहा।
•यदि हम किसी घटना की जानकारी देना चाहें, तो पुलिस पर भरोसा कैसे करें?-6वीं की छात्रा वर्तिका
पूरा भरोसा कर सकते हैं, कुछ नंबर जैसे 100, 1090 आदि ऐसे उपाय हैं, जिनमें सूचना देने वाले का नाम और पता गुप्त रखा जाता है।
यहां देखें कुछ जरूरी टिप्स
बिल्कुल ठीक बात है, नए माध्यम तलाश कर उन्हें अमल में लाने का प्रयास होगा, ताकि गांव-गांव तक 1090 का इस्तेमाल हो।
•रात के वक्त सड़कों पर लड़कियां और महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं?-12 वीं की छात्रा नंदिता खन्ना
दो राय नहीं है कि पुलिस में संवेदनशीलता की कमी है, फिर फोर्स भी इतनी नहीं है कि हर सड़क पर खड़ी की जा सके। फिलहाल महिला पुलिस के साथ साथ संसाधन भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण टिप्स
•कोई घटना देखें या पता लगे तो जानकारी पुलिस को भी अवश्य दें।
• फेसबुक और व्हाट्सअप का प्रयोग सिर्फ अच्छी जानकारी के लिए करें।
•जाम कहीं मिले तो कंट्रोल रूम या नजदीक के थाने को सूचित करें।
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