DDCA घोटाले पर जेटली के 'शत्रु' बने कीर्ति आजाद, ठुकराई शाह की नसीहत..............online updates by police prahari news

DDCA घोटाले पर जेटली के 'शत्रु' बने कीर्ति आजाद, ठुकराई शाह की नसीहत
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नई दिल्ली:  डीडीसीए घोटाले में अरविंद केजरीवाल और अरुण जेटली के बीच जंग में अब एक दिलचस्प मोड़ आ गया है. सूत्रों के मुताबिक आज बीजेपी महासचिव रामलाल ने कीर्ति आजाद को बुलाकर विवाद आगे न बढ़ाने की सलाह दी लेकिन कीर्ति आजाद ने झुकने से इनकार कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी कीर्ति को इसी तरह की सलाह दे चुके हैं.
कीर्ति आजाद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुझे किसी ने नहीं रोका है, अफवाहों पर मत जाओ, मेरी लड़ाई खेलों में भ्रष्टाचार के खिलाफ है और ये जारी रहेगी.
बीजेपी महासचिव को कीर्ति आजाद को इसलिए बुलाना पड़ा क्योंकि कल कीर्ति आजाद ने कहा था कि जो मुद्दा आज केजरीवाल उठा रहे हैं वो मुद्दा वो पिछले छह साल से उठा रहे हैं.
उधर डीडीसीए में भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर बोला है अब तक का सबसे बड़ा हमला. एक एक कर आप ने जेटली पर संगीन आरोप लगाए. दस्तावेज भी दिखाए.
इसके अलावा आप ने डीडीसीए ने जेटली की अध्यक्षता में स्टेडियम के लिए 24 करोड़ का बजट बनाया, लेकिन खर्च किए 114 करोड़. 90 करोड़ का कोई हिसाब नहीं है.
1 करोड़ 55 लाख का लोन तीन कंपनियों को बिना वजह दिया गया. आरोप ये भी कि एक ही काम के लिए 16 कंपनियों को पैसे दिए जाते रहे. डीडीसीए के कोषाध्यक्ष रहे नरेंद्र बत्रा से अरुण जेटली का रिश्ता भी आम आदमी पार्टी ने पूछा है.
डीडीसीए में भ्रष्टाचार पर अपने खुलासों के साथ आप जेटली को फौरन पद से हटाने की मांग कर रही है.
जेटली को हटाने का कांग्रेस भी समर्थन भी कर रही है लेकिन जांच के मुद्दे पर कांग्रेस की राय आप से अलग है.
आप और कांग्रेस के हमलों को बीजेपी बेबुनियाद बता रही है. सरकार जेटली के इस्तीफे से इनकार कर रही है तो खुद जेटली कह चुके हैं कि केजरीवाल सरकार अपने भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए उन्हें निशाना बना रही है.
इस पूरे विवाद में डीडीसीए भी अपना पक्ष सामने रख चुकी है. डीडीसीए का दावा है कि बैलेंस शीट में हर हिसाब किताब दर्ज है और कोई भी इसकी जानकारी ले सकता है.
विवाद का एक पहलू ये भी है कि जेटली पर लगातार हमले बोल रही केजरीवाल की पार्टी राजेंद्र कुमार से जुड़े भ्रष्टाचार पर कोई साफ जवाब नहीं दे रही है. ऐसे में सवाल ये कि जेटली पर आप का हमला क्या वाकई अपने मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है?
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