काठमाण्डु: नेपाल में नया संविधान जारी होने के बाद हुए पहले राष्ट्रपति चुनाव में विद्या भण्डारी निर्वाचित हुई हैं. नेपाल में राजशाही खत्म होने के बाद भण्डारी दूसरी निर्वाचित राष्ट्रपति हैं, जबकि नया संविधान जारी होने के बाद वे देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी हैं. नेपाल के पहले राष्ट्रपति के रुप मे 8 साल पहले रामबरन यादव चुने गये थे.
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कई अहम पद संभाल चुकी हैं विद्या भंडारी
64 वर्षीया भण्डारी छात्र जीवन से ही नेपाल की कम्युनिस्ट राजनीति में सक्रिय रहीं. नेपाल की सत्तारूढ़ दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) की उपाध्यक्ष रहीं विद्या भण्डारी देश की रक्षा मंत्रालय सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाल चुकी हैं.
सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति की उम्मीदवार रहीं विद्या भण्डारी विपक्षी नेपाली कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कुल बहादुर गुरूंग को पराजित कर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुई हैं.
राष्ट्रपति होने के साथ ही विद्या भण्डारी नेपाली सेना की परमाधिपति भी बनी हैं. नेपाल के नए संविधान के मुताबिक नेपाली सेना के संचालन और परिचालन का संपूर्ण अधिकार अब राष्ट्रपति होने के नाते भण्डारी के पास ही रहेगा.
भण्डारी के दिवंगत पति मदन भण्डारी नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक थे, जिनकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. लेकिन 73 दिन से नए संविधान के खिलाफ आन्दोलन कर रहे मधेशी दलों ने इस प्रक्रिया का वहिष्कार कया है.
मधेशियों ने लंबे समय से आंदोलन को जारी रखा है जिसकी वजह से पिछले लंबे समय से भारतीय नाका से आवाजाही बंद है.
इधर राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होने के साथ ही भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने टेलीफोन कर उन्हें बधाई देने के साथ ही भारत भ्रमण पर आने का न्योता भी दिया है.
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