as per ABP :
नई दिल्ली: शकूरबस्ती में रेलवे की कार्रवाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने पूछा कि जिन हजारों लोगों को बेघर किया गया उन्हें बसाने का क्या इंतजाम किया गया. लेकिन सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर रेलवे को ये कार्रवाई करने की जरूरत क्यों पड़ी.
रेलवे की जमीन पर बनी इन झुग्गी झोपड़ियों पर आफत का बुलडोजर चल गया. हजारों लोगों के घर उजड़ गए. दिल्ली में सर्दी के सबसे ठंडे दिन हुई इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे से पूछा है कि इतने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने के पहले रेलवे ने क्या तैयारी की थी. केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू भी इसे गलत मान रहे हैं.
वहीं रेलवे का कहना है कि उसने पर्याप्त समय और नोटिस देने के बाद यह कार्रवाई की है. यही नहीं रेलवे के मुताबिक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के निर्देश पर रेलवे के दिल्ली डिवीजन ने मार्च में स्टेशनों की सफाई का अभियान शुरू किया था.
रेलवे के मुताबिक दिल्ली में रेलवे की जमीन पर करीब 47 हजार झुग्गियां हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से करीब 24 हजार झुग्गियां पटरियों से 15 मीटर के दायरे में हैं. रेलवे का कहना है कि 15 मीटर के सुरक्षा दायरे में झुग्गियां होने की वजह से उन इलाकों में ट्रेन की रफ्तार कम करनी पड़ती है. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनजीटी ने इसी साल फरवरी में इस 15 मीटर के दायरे को खाली रखने के लिए रेलवे को पटरियों के दोनो तरफ दीवार बनाने का आदेश दिया था. रेलवे के मुताबिक शकूरबस्ती में नया रेलवे टर्मिनल बनाने की भी योजना थी.
रेलवे के मुताबिक दिल्ली में रेलवे की जमीन पर करीब 47 हजार झुग्गियां हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से करीब 24 हजार झुग्गियां पटरियों से 15 मीटर के दायरे में हैं. रेलवे का कहना है कि 15 मीटर के सुरक्षा दायरे में झुग्गियां होने की वजह से उन इलाकों में ट्रेन की रफ्तार कम करनी पड़ती है. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनजीटी ने इसी साल फरवरी में इस 15 मीटर के दायरे को खाली रखने के लिए रेलवे को पटरियों के दोनो तरफ दीवार बनाने का आदेश दिया था. रेलवे के मुताबिक शकूरबस्ती में नया रेलवे टर्मिनल बनाने की भी योजना थी.
इन्हीं वजहों से वहां बसी झुग्गियों के हटाना जरूरी था. रेलवे का कहना है कि इसके लिए कई बार नोटिस दिया जा चुका था.
हालांकि झुग्गी के लोग यह कह रहे हैं को उन्हें एक दिन पहले ही नोटिस दिया गया. जबकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार कब्जा हटाने की कार्रवाई को ही गलत बता रही है.
शकूरबस्ती की झुग्गियों को उजाड़ने को लेकर राजनीति भी हो रही है और सवाल भी उठ रहे हैं लेकिन इसके साथ ही सवाल उन लोगों की सुरक्षा का भी है जो रेल पटरियों के पास रहते हैं.
हालांकि झुग्गी के लोग यह कह रहे हैं को उन्हें एक दिन पहले ही नोटिस दिया गया. जबकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार कब्जा हटाने की कार्रवाई को ही गलत बता रही है.
शकूरबस्ती की झुग्गियों को उजाड़ने को लेकर राजनीति भी हो रही है और सवाल भी उठ रहे हैं लेकिन इसके साथ ही सवाल उन लोगों की सुरक्षा का भी है जो रेल पटरियों के पास रहते हैं.
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