as per ABP :
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को सरकार पर आरोप लगाया कि कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार मुनाफा कमा रही है. कांग्रेस ने मांग की कि कीमतें कम होने का लाभ आम आदमी को हस्तांतरित किया जाना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बयान में कहा कि कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें 36 डॉलर प्रति बैरल के अभूतपूर्व निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, जो 11 वर्षो के दौरान सबसे निचला स्तर है, लेकिन खेद की बात यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार कच्चे तेल पर उत्पाद एवं सीमा शुल्क के रूप में अभूतपूर्व कर लगाकर मुनाफा कमाने में जुटी हुई है.
सुरजेवाला ने कहा कि आम आदमी खाद्य उत्पादों की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि, अतिरिक्त सेवा कर और स्वच्छ भारत कर से पहले से ही परेशान है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के मद्देनजर जनता को राहत देने के बदले सरकार ने अकेले 2014-15 पेट्रोलियम उत्पादों से 74,000 करोड़ रुपये का कर राजस्व कमाया है.
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने 2015-16 में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री से 1,10,000 करोड़ रुपये कर जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
उन्होंने कहा, “अच्छे दिन के वादे के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार वाकई में जनता की जेब काट रही है.” उन्होंने कहा कि मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे, उस समय कच्चे तेल की कीमत 108.05 डॉलर प्रति बैरल थी और आज यह 36 डॉलर प्रति बैरल हो गई है.
सुरजेवाला ने कहा, “शोधित पेट्रोल की कीमत आज 23.70 रुपये प्रति लीटर है, जबकि पेट्रोल दिल्ली में 60.48 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. मोदी सरकार इस तरह से प्रति लीटर पेट्रोल पर 36.71 रुपये मुनाफा कमा रही है.”
उन्होंने कहा कि शोधित डीजल की कीमत 24.67 रुपये प्रति लीटर है, जबकि दिल्ली में डीजल की कीमत 46.55 रुपये प्रति लीटर है.
सुरजेवाला ने कहा, “मोदी सरकार डीजल पर 21.88 रुपये प्रति लीटर मुनाफा कमा रही है. सर्वाधिक चौंकाने वाली बात यह है कि पहले तेल रिफाइनरी को प्रति बैरल 6,331 रुपये का भुगतान किया जाता था, जो आज घट कर 2,726 रुपये हो गया है.”
सुरजेवाला ने मांग की है कि भाजपा सरकार पेट्रोलियम उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में अभूतपूर्व कमी का लाभ आम आदमी को हस्तांतरित करे.
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