as per एबीपी :
New Delhi News: अगर राजधानी दिल्ली मे पेरिस जैसा आतंकी हमला हो जाये तो क्या देश की सुरक्षा एजेंसी इससे निबटने में सक्षम है या नहीं? इसी को परखने के लिए दिल्ली पुलिस एनएसजी, आईबी की स्पेशल टीम ने एक मॉक ड्रिल किया. इस मॉक ड्रिक को ऑपरेशन ब्लैक रोज नाम दिया गया था.
कैसे बनी योजना
राजधानी दिल्ली को सुरक्षित करने के लिये एक महीने पहले नेशनल सिक्यूरिटी गॉर्ड, आईबी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक प्लान बनाया था. जिसको लेकर एनएसजी के अधिकारी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी( लॉ एंड आर्डर) से भी मिले थे. इसके बाद दिल्ली के अलग अलग इलाकों में मॉक ड्रिल करने की योजना बनी. 29 दिसम्बर की रात दिल्ली के अलग अलग इलाकों में मॉक ड्रिल की गयी जिसको ‘ऑपरेशन ब्लैक रोज’ का नाम दिया गया.
राजधानी दिल्ली को सुरक्षित करने के लिये एक महीने पहले नेशनल सिक्यूरिटी गॉर्ड, आईबी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक प्लान बनाया था. जिसको लेकर एनएसजी के अधिकारी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी( लॉ एंड आर्डर) से भी मिले थे. इसके बाद दिल्ली के अलग अलग इलाकों में मॉक ड्रिल करने की योजना बनी. 29 दिसम्बर की रात दिल्ली के अलग अलग इलाकों में मॉक ड्रिल की गयी जिसको ‘ऑपरेशन ब्लैक रोज’ का नाम दिया गया.
कहां कहां हुई मॉकड्रिल
मंगलवार की रात दिल्ली के वसन्त कुंज में बने डीएलएफ मॉल, लाजपत नगर, नेहरू प्लेस और कनॉट प्लेस में बने पालिका बाजार में आतंकी हमले की सूचना पुलिस को मिली. जिसके बाद तय प्लान के तहत मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया.
मंगलवार की रात दिल्ली के वसन्त कुंज में बने डीएलएफ मॉल, लाजपत नगर, नेहरू प्लेस और कनॉट प्लेस में बने पालिका बाजार में आतंकी हमले की सूचना पुलिस को मिली. जिसके बाद तय प्लान के तहत मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया.
क्या था मकसद?
इस मॉक ड्रिल का मकसद एसएसजी और स्वाट जैसे कॉम्बैट फोर्सेज की तैयारियों का जायजा लेना. हमले वाले इलाके को खाली कराने में लगने वाले समय और हमलावरों को मारने की तकनीकियों को परखना. इसके साथ ही हमला होने की सूचना सुरक्षा एजेंसियों को कितने मिनट और सेकेण्ड में दी गयी. फायर और मेडिकल टीम ने कितने वक्त में रिस्पॉन्स किया.
इस मॉक ड्रिल का मकसद एसएसजी और स्वाट जैसे कॉम्बैट फोर्सेज की तैयारियों का जायजा लेना. हमले वाले इलाके को खाली कराने में लगने वाले समय और हमलावरों को मारने की तकनीकियों को परखना. इसके साथ ही हमला होने की सूचना सुरक्षा एजेंसियों को कितने मिनट और सेकेण्ड में दी गयी. फायर और मेडिकल टीम ने कितने वक्त में रिस्पॉन्स किया.
सभी इमरजेंसी सेवाएं थीं शामिल
सभी इमरजेंसी सेवाओं को भी ड्रिल में शामिल किया गया जिसमें फायर बिग्रेड, एम्ब्यूलेंस सर्विस शामिल रहीं. इन मॉक ड्रिल्स के लिए दिल्ली पुलिस के सारे ज्वाइंट कमिश्नर को पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए थे और विशेष पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड आर्डर) दीपक मिश्र के नेतृत्व में ये पूरा ऑपरेशन अंजाम दिया गया.
सभी इमरजेंसी सेवाओं को भी ड्रिल में शामिल किया गया जिसमें फायर बिग्रेड, एम्ब्यूलेंस सर्विस शामिल रहीं. इन मॉक ड्रिल्स के लिए दिल्ली पुलिस के सारे ज्वाइंट कमिश्नर को पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए थे और विशेष पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड आर्डर) दीपक मिश्र के नेतृत्व में ये पूरा ऑपरेशन अंजाम दिया गया.
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