'फेसबुक फ्रेंड्स' की ये सच्चाई जान चौंक जाएंगे आप...........online updates by police prahari news

 

as per ABP:
नई दिल्ली : आजकल सोशल मीडिया का खूब क्रेज है खासतौर पर फेसबुक का. लोग अधिक से अधिक फ्रेंड्स बनाने की होड़ में रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं सोशल मीडिया पर बहुत अधिक फ्रेंड्स रहने से टीनेजर्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिसर्च में ये बात सामने आई है.

रिसर्च के मुताबिक, फेसबुक पर 300 फ्रेंड्स होने से टीनेजर्स का स्ट्रेस हार्मोंन अधिक बढ़ जाता है जिससे उन्हें कई हेल्थ समस्याएं हो सकती है.

कनाडा की मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता सोनिया लुपीन का कहना है कि स्ट्रेस के लिए और भी कई चीजें जिम्मेदार हैं लेकिन टीनेजर्स में बढ़ने वाला तनाव और स्ट्रेस हार्मोंन में 8 फीसदी वृद्धि फेसबुक के कारण होती है. सोनिया लुपीन कहती हैं कि जिन टीनेजर्स के एक से दो हजार एफबी फ्रेंड्स हैं उनका तनाव का लेवल भी बहुत बढ़ा हुआ मिलेगा.

हालांकि शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि जो टीनेजर्स अपने फेसबुक फ्रेंड्स को सपोर्ट करते हैं जैसे उनकी पोस्ट की हुई चीजों को लाइक करते हैं और उनका प्रोत्साहन बढ़ाते हैं तो उनका कोर्टीसोल (स्ट्रेस हार्मोन) घट जाता है.

लूपीन और उनके सहयोगियों ने इस रिसर्च को अंजाम देने के लिए 12 से 17 साल के 88 प्रतिभागियों को चुना. रिसर्च के दौरान इन प्रतिभागियों से फेसबुक पर वे कितना रहते हैं, उनके एफबी फ्रेंड्स कितने हैं, वे सोशल मीडिया पर अपने बारे में क्या पोस्ट  करते हैं, उनका सोशल मीडिया बिहेवियर क्या है, वे अपने फ्रेंड्स को कितना सपोर्ट करते हैं, जैसे सवाल किए गए.

इसके अलावा शोधकर्ताओं ने प्रतिभागी टीनेजर्स के कोर्टिसोल के सैंपल भी लिए. ये सैंपल रोजाना तीन दिन तक लिए गए. बेशक, शोधकर्ताओं ने अपने प्रतिभागियों को डिप्रेस नहीं देखा लेकिन जिन प्रतिभागियों का स्ट्रेस हार्मोन का स्तर अधिक था उनमें डिप्रेस होने की आशंका अधिक देखी गई.

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