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न्यूज़: एक कार्यक्रम के दौरान एक संगठन ने 2001 में संसद पर आतंकी हमले के जिम्मेदार अफजल गुरु की फांसी की निंदा करते हुए ‘राजनीतिक कैदियों’ की रिहाई की मांग की और उसकी ‘न्यायिक हत्या’ के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उसकी ‘शहादत’ का गुणगान किया.
राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए रिसर्च स्कालर्स और शिक्षकों को मिलाकर बनायी गयी एक समिति ने कश्मीर विवाद को हल करने के लिए केन्द्र सरकार के गंभीर नहीं होने के प्रति गंभीर चिंता जतायी और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
इस बीच कांग्रेस ने कहा कि किसी को भी अफजल गुरु की प्रशंसा नहीं करनी चाहिए क्योंकि उसे अदालत ने आतंकवादी करार दिया था और लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद उसे फांसी हुई थी.
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