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-शरद ऋतु की विदाई और बसंत के आगमन के अवसर पर हम भारतवासी रंगों का त्योहार होली मनाते हैं। और इस खुशी में प्रकृति भी पेड़-पौधों को रंगों से सुंदर बना देती है। पेड़ों की नई पत्तियां निकल आती हैं, कलियां खिल जाती हैं, हर तरफ़ हरियाली छा जाती है। इसलिए होली खुशियों व रंगों का त्योहार कहलाता है।
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-शरद ऋतु की विदाई और बसंत के आगमन के अवसर पर हम भारतवासी रंगों का त्योहार होली मनाते हैं। और इस खुशी में प्रकृति भी पेड़-पौधों को रंगों से सुंदर बना देती है। पेड़ों की नई पत्तियां निकल आती हैं, कलियां खिल जाती हैं, हर तरफ़ हरियाली छा जाती है। इसलिए होली खुशियों व रंगों का त्योहार कहलाता है।
जिस तरह होली के दिन हम हर दीवार, हर बंधन, चाहे वह मज़हब का हो या जाति का, तोड़ देते हैं। हम सभी लाल, पीले, नीले, हरे रंगों में लिपे-पुते होते हैं, उसी तरह प्रकृति भी किसी से भेदभाव नहीं करती है। यह समूची धरती को चाहे वह पेड़ हो या पौधे या वनस्पति सभी को हराभरा कर देती है।
होली के दिन हम सूखे रंगों को पानी में मिलाकर एक-दूसरे के ऊपर छिड़कते हैं। कई लोग गुलाल के साथ-साथ पक्के रंगों से भी खेलते हैं। जिन्हें बाद में छुड़ाना मुश्किल हो जाता है। जिसका त्वचा और बालों पर बुरा असर पड़ता है। पुराने ज़माने में तो ये रंग प्राकृतिक संपदाओं से ही बनते थे, पर अब ऐसा नहीं है। इसलिए ये रंग त्वचा के लिए खतरनाक भी हो सकते हैं। माइका के टुकड़े, जो इन रंगों के निर्माण में प्रयोग किए जाते हैं वे त्वचा व बालों के लिए हानिकारक होते हैं।
इन पक्के रंगों से त्वचा और बाल रुखे भी हो सकते हैं। जिनकी त्वचा रूखी होती है उनको और भी मुश्किल हो जाती है। बाद में त्वचा पर लाल धब्बे और खुजली भी शुरू हो जाती है।
ऐसे में त्वचा की सफाई बेहद ज़रूरी है। आपके क्लींजर में कैक्ट्स, ऐलो और नींबू होना चाहिए। ये बिना मॉइश्चराइजर को नुकसान पहुंचाए रंग हटाता है। ऐलो एक बहुत अच्छा मॉइश्चराइजर है और नींबू क्लींजर। क्लींजर को चेहरे पर, आंखों के आस-पास लगाएं और रुई की मदद से रंग साफ कर लें। अगर आपकी त्वचा शुष्क हो तो लेमन-टरमरिक प्री-वॉश जैल को त्वचा साफ़ करने के बाद लगाएं। इससे त्वचा मुलायम और चिकनी बनती है। हल्दी एक एन्टीबायोटिक है। त्वचा साफ़ करने के बाद चंदन की क्रीम में लिक्विड मॉइश्चराइजर मिला कर कर लगाएं। चंदन त्वचा को मुलायम बनाता है।
लेमन-टरमरिक प्री-वॉश जैल के साथ आप खाद्य तेल भी लगा सकते हैं। नहाने के बाद हाथों और शरीर पर बॉडी क्रीम या लोशन लगाएं। साबुन और पानी से त्वचा शुष्क हो जाती है इसलिए क्रीम जरूर लगाएं।
बालों को किसी हर्बल शैम्पू और ढेर सारे पानी से धोएं। होली के बाद बालों पर हिना जरूर लगाएं। हिना एक अच्छी कण्डीशनर है। ये बालों को पहुंचे नुकसान की भरपाई भी करती है। ये बालों को अधिक मज़बूत और चमकीले भी बनाती है। अच्छा हो यदि होली में टेसू के फूलों का पानी, हल्दी या चुकंदर का पानी, सूखी हल्दी सिंदूर आदि का प्रयोग करें। ये हानिरहित है और सौंदर्यवर्धक हैं। जी भर के होली खेलें, परंतु अपनी और दूसरों की त्वचा और बालों का ख्याल जरूर रखें।
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