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-अमूमन नाखून 0.6 से 1.3 मिलीमीटर तक बढ़ते हैं और सरदियों के मुकाबले गरम मौसम में ये ज्यादा जल्दी बढ़ते हैं । संतुलित डाइट के अभाव में, प्रोटीन का स्तर कम होने के समय या थाइरॉइड डिस्ऑर्डर व अनीमिया जैसी तकलीफों के चलते नाखूनों के स्वास्थ्य पर बेहद बुरा असर पड़ता है ।
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-अमूमन नाखून 0.6 से 1.3 मिलीमीटर तक बढ़ते हैं और सरदियों के मुकाबले गरम मौसम में ये ज्यादा जल्दी बढ़ते हैं । संतुलित डाइट के अभाव में, प्रोटीन का स्तर कम होने के समय या थाइरॉइड डिस्ऑर्डर व अनीमिया जैसी तकलीफों के चलते नाखूनों के स्वास्थ्य पर बेहद बुरा असर पड़ता है ।
जब हो थाइरॉइड : क्या आपके हाथ-पैर भी ठंडे रहते हैं ? अगर ऐसा है, तो हो सकता है अंडर एक्टिव थाइरॉइड के कारण रक्त संचार में गड़बड़ी या आयरन की कमी के कारण ऐसा हो रहा हो । बेहतर होगा कि आप तुरंत अपने थाइरॉक्सिन स्तर की जांच कराएं। एरोबिक्स करें । हाइपोथाइरॉडिज्म होने पर डॉक्टरी सलाह पर थाइरॉइड हारमोन की कम डोज लेने से नाखूनों के फटने की समस्या से बचा जा सकता है ।
सीधी पड़ी लकीरें : नाखूनों पर लकीरें आयरन, जिंक व प्रोटीन की कमी के कारण पड़ती हैं । आयरन की कमी को पूरा करने के लिए 100 ग्राम धनिए की पत्तियों का ताजा जूस पिएं । सलाद या सब्जी लेते वक्त ऊपर से नीबू का रस डालें । आयरन युक्त भोजन ज्यादा करें, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, दालें, अंकुरित मूंग, बादाम व अखरोट जरूर लें । इसके साथ ही कैल्शियम, प्रोटीन भी लें । इसमें कम वसावाले दूध और दही का सेवन करें ।
हैंग नेल्स : यह समस्या तब सिर उठाती है, जब नाखूनों के आसपास की त्वचा सूख कर लटक जाती है । यह विटामिन सी, फोलिक एसिड व प्रोटीन की कमी के कारण होता है ।
सफेद धब्बे : नाखूनों पर सफेद धब्बे जिंक और विटामिन डी की कमी के कारण पड़ते हैं । इसके लिए वीटजर्म व अन्य जिंक युक्त भोजन का सेवन करें, जैसे चोकर, ज्वार व बाजरे को डाइट में शामिल करें ।
धीरे-धीरे बढ़ना : अधिकतर प्रोटीन या विटामिन ए की कमी के साथ ही कुछ एलोपैथिक दवाओं के सेवन से भी नाखून धीरे बढ़ते हैं । मानसिक तनाव, बीमारी या लो कैलोरी डाइट लेने से भी ऐसा होता है । लो कैलोरी डाइट से प्रोटीन और जिंक की मात्रा शरीर में कम हो जाती है, जो नाखूनों के विकास के लिए जरूरी तत्व हैं ।
बदरंग हुए नाखून : घटिया क्वालिटी की नेल पॉलिश ना लगाएं । नाखूनों पर पीलापन सिगरेट पीने से भी आता है । नीलापन लिए नाखून सांस की तकलीफ की ओर इशारा करते हैं । नाखूनों का रंग फीका सफेद है, तो यह अनीमिया के कारण हो सकता है ।
भुरभुरापन : रिमूवर या तेज डिटरजेंट के ज्यादा प्रयोग से नाखूनों में भुरभुरापन आता है । प्रोटीन की कमी, रक्त का नाखूनों की जड़ों तक ना पहुंचना भी कारण हैं । प्रोटीन के अभाव में शरीर प्रोटीन को नाखूनों व बालों के बजाय शरीर के अन्य जरूरी अंगों को सप्लाई करता है और क्योंकि बाल और नाखून प्रोटीन के ही बने होते हैं, इसलिए यह कमी बहुत जल्दी इन दोनों पर असर करती है ।
डाइट पर ध्यान : डाइट में प्रोटीन शामिल करें । अंडे का पीला भाग, बादाम, पनीर व मछली लें । सल्फर को प्रोटीन के साथ लेने से बाल और नाखून दोनों मजबूत होंगे । सल्फर विटामिन बी, बायोटीन, अमीनो एसिड, मिथियोनिन व सिस्टीन में पाया जाता है । ये सभी चावल, आटे, अंडे, आदि में पाए जाते हैं | ढेर सारे फल-सब्जियां खाएं | रोज गाजर का जूस पिएं |
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