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नई दिल्ली : दिल्ली के डीडीसीए घोटाले में वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ आवाज उठाने वाले बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद पार्टी से निलंबन के बाद भी हथियार डालने को तैयार नहीं हैं. कीर्ति आजाद ने बुधवार के दिन की शुरुआत इस सवाल से किया कि पार्टी और मोदी बताएं कि मेरी ग़लती क्या है? मेरा गुनाह क्या है?
कीर्ति आजाद ने कहा कि उनकी लड़ाई पार्टी से बाहर की है और वो हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हैं. उन्होंने अपनी दृढ़ता को बताने के लिए ये भी बताया कि वे बिहार के पूर्व सीएम भगवत आजाद के बेटे हैं जिन्होंने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कीर्ति आजाद ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की भी लाइनें पढ़ीं. ‘हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा.’
डीडीसीए के घोटाले को उजागर करने वाले सांसद ने कहा कि वे अपने पार्टी अध्यक्ष से ये जानना चाहेंगे कि आखिर उन्हें क्यों सस्पेंड किया गया है. कोई खास कारण तो बताया जाए.
कीर्ति आजाद ने कहा, “अध्यक्ष जी मुझे बताएं, मेरी ग़लती क्या है. मैंने पार्टी के बारे में कुछ नहीं बोला है. ये मामला डीडीसीए का है. इससे बीजेपी का क्या लेना-देना है. इस मामले में मोदी जी और मार्गदर्शक मंडल को भी हस्तक्षेप करना चाहिए.”
सस्पेंड किए जाने पर कीर्ति आजाद ने पार्टी से पूछा, “पार्टी बताए मैंने कहां गलती की. मैं बीते 9 साल से डीडीसीए के भ्रष्टाचार को उठाता रहा हूं. और इसको मैंने कभी भी पार्टी का माध्यम नहीं बनाया. इसे मैं पार्टी के बाहर लड़ रहा था. मैं जानना चाहता हूं कि क्या मुझे डीडीसीए के भ्रष्टाचार उठाने पर सस्पेंड किया गया है?”
पार्टी को घेरते हुए कीर्ति आजाद ने आगे पूछा कि क्या डीडीसीए का मुद्दा भी पार्टी का मुद्दा है? तब तो बीसीसीआई भी पार्टी का मामला है.
कीर्ति आजाद ने कहा कि पार्टी ने जो नोटिस दिया है उसके जवाब के ड्राफ्ट बनाने में उनकी मदद बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी करेंगे.
आपको बता दें कीर्ति आजाद का आरोप है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली के डीडीसीए अध्यक्ष रहते वहां भारी घोटाला हुआ. उस घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए. जबकि बीजेपी उनसे इस मुद्दे पर चुप रहने की नसीहत देती रही है. दो दिन पहले कीर्ति आजाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके डीडीसीए घोटाले को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे.
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