as per एबीपी
अब तक जिस हवा को सिर्फ महसूस किया जाता रहा है, अब वह बोतल में बंद होकर बाजार में बिक रही है. बोतल बंद पानी की तर्ज पर अब कई देशों में बोतल बंद हवा को भी लोग हाथों-हाथ खरीद रहे हैं.
ताजी हवा की बिक्री का बाजार बहुत बड़ा है क्योंकि दुनियाभर के कई देश वायु प्रदूषण से त्रस्त हैं. भारत और चीन में तो हालात और भी खराब हैं. बीजिंग में तो वायु प्रदूषण की वजह से आपातकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई है. यहां दो बार रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है.
इन हालातों के बीच बोतल बंद शुद्ध हवा के कारोबार को भुनाने के लिए कनाडा की कम्पनी-वाइटैलिटी एयर बैंफ एंड लेक पहाड़ियों से शुद्ध हवा को बोतलों में बंद कर बेच रही है.
कंपनी ने ‘बैंफ एयर’ और ‘लेक लुईस’ दो श्रेणियों में हवा बाजार में उतारी है. बैंफ एयर की तीन लीटर की बोतल की कीमत 20 कनाडाई डॉलर यानी लगभग 952 रुपये और 7.7 लीटर बोतल की कीमत 32 कनाडाई डॉलर यानी 1,532 डॉलर है.
कंपनी की वेबसाइट ‘वाइटैलिटी एयर डॉट कॉम’ के मुताबिक, ‘वाइटैलिटी एयर’ ने जब साल 2014 में एक प्रयोग के तौर पर हवा का एक पैकेट बेचा तो उन्हे भी अंदाजा नहीं होगा कि उनकी यह पहल भविष्य में कितनी कारगर होने वाली है.
कंपनी ने लगभग दो सप्ताह पहले ही चीन में बोतल बंद हवा बेचनी शुरू की है. कंपनी ‘ताओबाओ’ वेबसाइट के जरिए चीन में इसकी बिक्री कर रही है और आश्चर्य की बात यहा है कि बिक्री शुरू होने के कुछ ही समय में 500 बोतल की पहली खेप हाथों-हाथ बिक गई.
जानकार भी यही मानते हैं कि बोतल बंद हवा के जरिए श्वास लेने की यह प्रक्रिया हालांकि अव्यवहारिक नजर आती है और भारत जैसे देश में बोतल बंद हवा के कारगर होने पर संदेह है. जानकारों का कहना है कि यह सम्पन्न लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है लेकिन सम्पूर्ण रूप से इसके भारत में सफल होने के आसार न के बराबर हैं.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आण्विक जीव विज्ञान (आईएमएस) के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीत कुमार सिंह ने बताया, ” कब तक बोतल बंद हवा पर निर्भर रहा जा सकता है? संपन्न लोग आसानी से इन बोतलों को खरीद सकते हैं लेकिन गरीब आबादी का क्या? भारत जैसे देशों में तो बोतल बंद हवा की यह योजना बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं है.”
कुमार आगे कहते हैं, “विभिन्न देशों में बेशक समस्याएं एक जैसी हों लेकिन हर देश की परिस्थितियां अलग होती हैं. वायु प्रदूषण से निपटने के कारगर कदम उठाने होंगे और सरकार इस दिशा में काम कर रही है. किसी भी समस्या से एक दिन में छुटकारा नहीं मिल सकता इसमें समय लगता है और दीर्घावधि के लिए उठाए गए कदमों के परिणाम भी दीर्घावधि में ही मिलेंगे.”
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 18 एशिया में हैं, जिनमें से 13 सिर्फ भारत में ही हैं. सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली भी एक है. हाल के दिनों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जिस तेजी से खराब हुआ है, वह चौंकाने वाला है.
पर्यावरण संबंधी परियोजनाओं में कार्यरत दीपक चौधरी ने बताया, “ऐसा नहीं है कि भारत में बोतल बंद ताजा हवा की बिक्री एक अनूठी चीज होगी. भारत का सामाजिक एवं आर्थिक ढांचा ही ऐसा है कि यहां व्यावहारिक चीजें ही दीर्घकाल तक टिकती हैं.”
कनाडाई कंपनी की बोतल बंद हवा को भारत में बेचने की भी योजना है लेकिन यह कब शुरू होगी, इसकी दर क्या होगी और यह कितनी कारगर सिद्ध होगी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. कम्पनी ने फिलहाल चीन को अपना लक्ष्य बना रखा है अगर दिल्ली सहित प्रदूषण के पीड़ित भारतीय शहरों में हालात नहीं सुधरे तो फिर वह भारत का भी रुख कर सकती है.
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