as per एबीपी :
नई दिल्ली: देश को मिल सकती है संसद की एक नई इमारत. इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखी है.
लोकसभा स्पीकर ने चिट्ठी में संसद भवन की एक नई बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव रखा है.
सुमित्रा महाजन का कहना है कि 88 साल पुरानी इमारत अब मौजूदा जगह की जरूरत और पुरानी होनी के वजह से ‘संकट’ बन गई है.
इसके लिए स्पीकर ने दो वैकल्पिक जगहों की शिनाख्त कराई है. एक जगह संसद भवन परिसर के अंदर तो दूसरी जगह राजपथ से सटे रक्षा और दिल्ली पुलिस की सुरक्षा के बैरक के पास बनाने का प्रस्ताव दिया है.
महाजन ने लिखा है कि अगर सेंट्रल हॉल को भी लोकसभा के तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो भी जरूरत पूरी नहीं हो सकती. अभी सेंट्रल हॉल में 398 सीट हैं और उसे बढ़ाकर 550 सीटों तक ही बढ़ाया जा सकता है. इससे भी मसले का हल नहीं निकलेगा.
दरअसल साल 2026 के बाद एक बार फिर लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसिमन होना है और माना जाता है कि परिसिमन के बाद जनप्रतिनिधियों की संख्या संख्या बढ़नी लाजमी है.
भारत में अब 30 साल में विधानसभा और लोकसभा की सीटों के परिसिमन का चलन है. आजादी के बाद से अब तक चार बार परिसिमन हो चुका है. 1952, 1963, 1973 और 2002 में परिसिमन कमिशन का गठन किया गया. लेकिन 2002 में ये कानून बना दिया गया कि साल 2026 से पहले लोकसभा और विधानसभा की सीटों की संख्या नहीं बढ़ाई जा सकती है. उस नियम के तहत 2026 के बाद होने वाले जनगणना के आधार पर परिसिमन किया जाएगा.
साल 1973 के परिसिमन में लोकसभा की सीटों की संख्या बढ़ी थी, लेकिन 2002 में वाजपेयी सरकार के दौर में हुए परिसिमन में सीटों की संख्या नहीं बढ़ाई गई.
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