as per एबीपी :
नई दिल्ली: बैंकों खासकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिये 2015 में फंसे कर्ज की समस्या और बदतर हुई लेकिन नये साल में सात सूत्री ‘इंद्रधनुष’ सुधारों के बल पर वे अपनी स्थिति बेहतर होने की उम्मीद बांधे हुए हैं. साथ ही अपने बही-खातों को दुरूस्त करने को लेकर सरकार तथा रिजर्व बैंक से और प्रोत्साहन की आशा बांधे हुये हैं.
इसके अलावा वाणिज्यिक बैंक भुगतान एवं लघु वित्त बैंकों के रूप में नये तरीके की प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिये भी कमर कस रहे हैं. ये बैंक 2016 में परिचालन में आ जाएंगे.
साथ ही नये साल में सरकार द्वारा आईडीबीआई बैंक में विनिवेश तथा बहुप्रतीक्षित बैंक बोर्ड ब्यूरो के गठन की भी संभावना है. सरकार तथा रिजर्व बैंक दोनों के लिये गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) चिंता का विषय बना हुआ है. हालांकि, मार्च 2016 तक स्थिति में सुधार की संभावना है क्योंकि फंसे कर्ज के मुद्दे से निपटने के लिये कुछ बड़े निर्णय किये जाने की संभावना है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति में सुधार के लिये सरकार ने अगस्त में इंद्रधनुष नाम से सात सूत्री योजना शुरू की. इसके तहत बैंकों को 20,000 करोड़ रपये की पूंजी डाली जाएगी और एकल होल्डिंग कंपनी का गठन किया जाएगा.
इतना ही नहीं सरकार ने बैंक निवेश समिति के गठन का भी मामला सुलझा लिया है. यह समिति नये तरीके से पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिये सरकार की तरफ से होल्डिंग कंपनी के रूप में काम करेगी.
सावर्जनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज का आकलन करने के लिये प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों :केपीआई: के नये मसौदे के लिये कार्ययोजना तैयार की गयी है. इसका मकसद कार्य कुशलता के लिहाज से इन बैंकों के निजी क्षेत्र के बैंकों के समक्ष लाना है.
सितंबर 2015 तक बैंकों का सकल एनपीए बढ़कर 3.14 लाख करोड़ रपये होगा. इसमें जानबूझकर कर नहीं लौटाने वालों पर देनदारी 64,334.59 करोड़ रपये है जो कुल एनपीए का करीब 21 प्रतिशत है.
भारतीय स्टेट बैंक के कर्ज जानबूझकर नहीं लौटाने वालों की संख्या 30 सितंबर तक सर्वाधिक 1,164 थी. बैंक का इन पर 11,705 करोड़ रपये बकाया है. एसबीआई के बाद पंजाब नेशनल बैंक का स्थान है. पीएनबी का कर्ज जानबूझकर नहीं लौटाने वालों की संख्या 764 है जिन पर कुल 9,203.84 करोड़ रपये का बकाया है. फंसे कर्ज की स्थिति से निपटने के लिये इंद्रधनुष योजना में संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को मजबूत करने पर जोर दिया गया है.
वित्तीय समावेशी के अपने एजेंडे के तहत रिजर्व बैंक ने इस साल 21 भुगतान बैंक तथा लघु वित्त बैंक गठित किये जाने को मंजूरी दे दी. दो नये बैंक आईडीएफसी तथा बंधन बैंक पहले ही अपना कामकाज शुरू कर चुके हैं.
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