as per एबीपी :
इलाहाबाद: संगम नगरी इलाहाबाद में अपने गुरु को माघ मेले के लिए मनचाही सरकारी जमीन दिलाने की मांग को लेकर चिता बनाकर बैठ गया है शिष्य. शिष्य ने मनचाही जमीन न देने पर खुद आग लगाने की धमकी दी है. इस विवाद में साधुओं के दो गुट आमने-सामने से प्रशासन भी पेशोपेश में है.
दरअसल, महामंडलेश्वर माधव दास के शिष्य संगम तट पर अपनी ही चिता बनाकर बैठ गए हैं. चिता के चारों ओर पुलिस प्रशासन के लोग माधव दास के शिष्य को मनाने में जुटे हैं, लेकिन शिष्य मानने को तैयार नहीं हैं.
रात में पुलिस ने लकड़ियों से बनाई गई इस चिता को एक बार हटा दिया था, लेकिन सुबह होते ही शिष्य दोबारा चिता बनाकर बैठ गए. शिष्य की जिद के आगे प्रशासन परेशान हैं.
शिष्य ने धमकी दी है कि अगर महामंडलेश्वर को ये जगह नहीं दी जाएगी तो वो चिता में आग लगाकर खुद को ज़िंदा जला देगा.
दरअसल ये पूरा मामला माघ मेले में संगम के तट पर मेला परिसर में साधुओं के शिविर पंडाल लगने का हैं. हर साल माघ मेले को लेकर प्रशासन साधुओं के अलग अलग गुट को जमीन सहित दूसरी सुविधाएं मुहैया कराता हैं. इस साल से पहले तक खाक चौक समिति से जुड़े सैंकड़ों साधु संतों को जगह का एलाटमेंट महामंडलेश्वर माधव दास कराते थे.
इस बार ख़ाक चौक के संतों में आपसी विवाद हो गया तो अस्सी फीसदी साधु संतों ने मेला प्रशासन को लिखकर दे दिया कि जितनी ज़मीन पिछली बार जिसे जहां दी गई थी, इस बार भी उन्हें वहीं एलाट कर दी जाए और बंटवारे के काम से माधवदास को अलग रखा जाए.
प्रशासन ने उनकी बात मानते हुए अट्ठाइस दिसंबर से जगहों के बंटवारे का एलान कर दिया, लेकिन माधव दास और उनके शिष्य शनिवार को कई ट्रकों पर सामान लादकर आए और एक ज़मीन पर तंबू लगाने लगे. दूसरे गुट का कहना है कि अगर माधव दास गुट ने मनमानी करके ये जमीन ली, तो सभी साधु संत मेले का बहिष्कार कर देंगे.
धार्मिक मामला होने की वजह से प्रशासन भी हर कदम फूंक फूंक कर रख रहा है. प्रशासन को समझ में नहीं आ रहा है वो इस मसले का हल कैसे निकाले. इलाहाबाद में 14 जनवरी से माघ मेला शुरू होगा जो 7 मार्च तक चलेगा.
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