अखिलेश मंत्रिमंडल का विस्तार: पार्टी प्रवक्ता तक को नहीं पता मंत्रियों के नाम!

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 उत्तर प्रदेश में आज अखिलेश मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है जिसमें पिछले दिनों बर्ख़ास्त किए गए चर्चित मंत्री गायत्री प्रजापति एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं।  हालांकि खनन मंत्री पद से पिछले दिनों हटाए गए गायत्री प्रजापति और जियाउद्दीन रिज़वी का नाम मंत्रिमंडल के तय माना जा रहा है लेकिन पार्टी नेता या प्रवक्ता कोई भी नाम बताने को तैयार नहीं हैं।
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ज़ियाउद्दीन रिज़वी का नाम पिछली बार हुए विस्तार के दौरान ही आया था लेकिन उस समय शहर में मौजूद न होने के कारण वो शपथ नहीं ले सके थे।
तीन महीने पहले 27 जून को जब अखिलेश सरकार ने सातवीं बार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, तब माना गया कि ये शायद आखिरी विस्तार हो।
लेकिन सोमवार को एक बार फिर मंत्रिपरिषद में विस्तार किया जा रहा है और रविवार देर शाम इस बारे में मुख्यमंत्री अखिलेश ने राज्यपाल रामनाईक से मुलाक़ात की।
ये भी संयोग है कि पिछले विस्तार में भी कुछ दिन पहले बर्ख़ास्त हुए मंत्री बलराम यादव को दोबारा शामिल करने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था और आज भी क़रीब दो हफ़्ते पहले बर्ख़ास्त किए गए गायत्री प्रजापति को फिर से शामिल करने के लिए विस्तार किया जा रहा है।
गायत्री प्रजापति का नाम आज के विस्तार में तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय तक ने पिछले दिनों ट्वीट करके ये जानकारी दे दी थी।
लेकिन पार्टी में चल रहे विवाद की छाया इतनी प्रबल है कि पार्टी के नेता और प्रवक्ता तक नए शामिल होने वाले मंत्रियों की जानकारी देने से बच रहे हैं।
पार्टी प्रवक्ता मोहम्मद शाहिद से इस सवाल के जवाब में सिर्फ़ यही कहते हैं कि ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और हमें नए मंत्रियों के नाम अभी नहीं मालूम हैं।
वहीं इस बारे में जानकारों का कहना है कि समाजवादी पार्टी में अंतर्विरोध इतना बढ़ गया है कि पार्टी के लोगों को भी आशंका है कि तय किए गए नाम किसी भी क्षण बदले जा सकते हैं।
लखनऊ में टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार सुभाष मिश्र कहते हैं कि ऐसी स्थिति में नेताओं को लगता है कि ऐसा होने पर कहीं वो मुसीबत में न आ पड़ जाएं।
वहीं समाजवादी पार्टी की पारिवारिक कलह का असर अब पार्टी की चुनावी योजनाओँ पर भी पड़ने लगा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव 6 अक्‍टूबर को आज़मगढ़ में रैली करने वाले थे और इसे पार्टी के चुनावी अभियान की शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा था।
रैली की ज़ोर शोर से तैयारियां भी हो रही थीं, लेकिन इस रैली को अचानक कैंसिल कर दिया गया। बताया मुलायम सिंह ने पार्टी में बगावती तेवर को देखते हुए ख़ुद ही रैली कैंसिल की है।
सुभाष मिश्र भी इस बात की पुष्टि करते हैं।
दरअसल पिछले दिनों समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जिस तरह से पार्टी से अखिलेश खेमे के लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया उससे पार्टी के युवा संगठनों से जुड़े लगभग सभी बड़े नेताओं से इस्तीफ़ा दे दिया है।
आज़मगढ़ की रैली की तैयारी पर भी इसका असर दिखने लगा था। जानकारों का कहना है कि बड़े नेताओं ने रैली के फ्लॉप होने के डर से इसे कैंसिल करना ही उचित समझा।


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