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रामदेव की पतंजलि और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण आज विदेश में सफलता की
उड़ान भर रहें हैं। फोर्ब्स की हालिया अरबपतियों की सूची में बालकृष्ण का
नाम आना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें
कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। पतंजलि सबसे तेज रफ्तार वाली आयुर्वेद की कंपनी
बनाने के पीछे केवल योग गुरु का ही हाथ नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई और भी
है।
घर-घर में योग शिविर का आयोजन करने वाले स्वामी रामदेव के इस सपने को साकार करने के पीछे केवल उनका हाथ नहीं है, बल्कि उनके आशीर्वाद से आयुर्वेद को एक अलग मुकाम पर पहुंचाने वाले आचार्य बालकृष्ण की फैन फॉलोविंग बाबा से भी ज्यादा है। रामदेव से ज्यादा आज वे विदेश में जाने जाते हैं।
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स्वामी के राइट हैंड हैं बालकृष्ण
बाबा के साथ चलने वाले बालकृष्ण बाबा के राइट हैंड हैं और आज बाबा जिस मुकाम पर हैं उसके पीछे बालकृष्ण का ही हाथ है। अपनी घरेलू दवाएं, औषधि और आयुर्वेद के नुस्खों से लाखों लोगों को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। आज आर्युवेद का कारोबार अरबों का हो गया है।
दरअसल, बाबा की सफलता और इस सफल बिजनेस के पीछे बालकृष्ण का मास्टर माइंड है। करीब 5 हजार करोड़ के कारोबार की सफलता का श्रेय बाबा खुद नहीं लेते हैं, बल्कि बालकृष्ण को देते हैं और इधर बालकृष्ण अपनी कामयाबी का श्रेय रामदेव को देते हैं।
बालकृष्ण फोर्ब्स की 100 अरबपतियों की सूची में 48 नंबर पर हैं। आज वे 2.5 बिलियन डॉलर संपत्ति के मालिक हैं। पिछले 10 सालों के आंकड़ें अगर देखें तो पतंजलि की ग्रोथ रेट करीब 150 फीसदी बढ़ी है। बालकृष्ण ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि पतंजलि का फिलहाल कारोबार 5 हजार करोड़ है और इसे डबल करने पर जोर दिया जा रहा है।
जब बालकृष्ण ने बाबा रामदेव के साथ पतंजलि की शुरुआत की थी, उस वक्त उनके पास पैसे नहीं थे, दोस्तों से कुछ हजार पैसे लेकर पतंजलि को पंजीकृत कराया गया। लेकिन आज 20 साल बाद पतंजलि का कारोबार कहां से कहां पहुंच गया और बालकृष्ण ने अरबपतियों की सूची में अपना नाम दर्ज कर लिया।
बालकृष्ण केवल एक आयुर्वेद विशेषज्ञ और पतंजलि में बाबा के सहयोगी ही नहीं हैं, बल्कि एफएमसीजी की जितनी भी बड़ी कंपनियां बाजार में मौजूद हैं, उन्हें टक्कर देने की रणनीति भी रचते हैं। फोर्ब्स मैगजीन में बालकृष्ण का नाम आना अपने आपमें बड़ी बात है।
आपको बता दें कि पतंजलि पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा ग्रोथ करने वाले एफएमसीजी प्रोडक्ट वाली कंपनी बन गई है।
बिजनेस विशेषज्ञ बालकृष्ण
नेपाल से भारत आए बालकृष्ण बहुत दिग्गज या शिक्षित नहीं हैं, लेकिन अपने छोटे से ज्ञान और मेहनत से उन्होंने बड़े बड़े दिग्गजों को बाजार में टक्कर दी है। वैदिक शिक्षा, प्रकृति से प्यार और आयुर्वेद के नुस्खों से बालकृष्ण यहां तक पहुंचे हैं। दिव्या फॉर्मेसी से शुरुआत करने वाले बालकृष्ण ने आज पतंजलि के साथ विदेश की उड़ान भर ली है।
पतंजलि के प्रोडक्ट्स और पतंजलि योगपीठ आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इसका मुख्यालय हरिद्वार में है। बाबा के पतंजलि ब्रांड की कीमत आज की तारीख में करीब 2000 करोड़ रुपए तक आंकी जाती है। पतंजलि आयुर्वेद ने बड़े शहरों में फ्रेंचाइजी के जरिए अपने प्रोडक्ट बेचना शुरू किया था। बाबा के बिजनेस का ये सिलसिला अब कॉस्मेटिक से लेकर किराना के अलावा हर तरह के घरेलू प्रोडक्ट तक पहुंच चुका है। बाबा रामदेव का टारगेट है कि इस साल वे अपनी कंपनी को 5 हजार करोड़ तक पहुंचा देंगे।
खाद्य, कपड़े और एफएमसीजी के कई उत्पादों में नाम कमाने के बाद अब पतंजलि डेयरी उत्पादों में भी हाथ आजमाने की तैयारी कर रहा है। बीते दिनों रामदेव ने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल (एनडीआरआई) में इसकी घोषणा की है। इससे पहले जींस और कपड़ों के उत्पादों में भी पतंजलि आगे आ चुकी है।
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घर-घर में योग शिविर का आयोजन करने वाले स्वामी रामदेव के इस सपने को साकार करने के पीछे केवल उनका हाथ नहीं है, बल्कि उनके आशीर्वाद से आयुर्वेद को एक अलग मुकाम पर पहुंचाने वाले आचार्य बालकृष्ण की फैन फॉलोविंग बाबा से भी ज्यादा है। रामदेव से ज्यादा आज वे विदेश में जाने जाते हैं।
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स्वामी के राइट हैंड हैं बालकृष्ण
बाबा के साथ चलने वाले बालकृष्ण बाबा के राइट हैंड हैं और आज बाबा जिस मुकाम पर हैं उसके पीछे बालकृष्ण का ही हाथ है। अपनी घरेलू दवाएं, औषधि और आयुर्वेद के नुस्खों से लाखों लोगों को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। आज आर्युवेद का कारोबार अरबों का हो गया है।
दरअसल, बाबा की सफलता और इस सफल बिजनेस के पीछे बालकृष्ण का मास्टर माइंड है। करीब 5 हजार करोड़ के कारोबार की सफलता का श्रेय बाबा खुद नहीं लेते हैं, बल्कि बालकृष्ण को देते हैं और इधर बालकृष्ण अपनी कामयाबी का श्रेय रामदेव को देते हैं।
बालकृष्ण फोर्ब्स की 100 अरबपतियों की सूची में 48 नंबर पर हैं। आज वे 2.5 बिलियन डॉलर संपत्ति के मालिक हैं। पिछले 10 सालों के आंकड़ें अगर देखें तो पतंजलि की ग्रोथ रेट करीब 150 फीसदी बढ़ी है। बालकृष्ण ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि पतंजलि का फिलहाल कारोबार 5 हजार करोड़ है और इसे डबल करने पर जोर दिया जा रहा है।
जब बालकृष्ण ने बाबा रामदेव के साथ पतंजलि की शुरुआत की थी, उस वक्त उनके पास पैसे नहीं थे, दोस्तों से कुछ हजार पैसे लेकर पतंजलि को पंजीकृत कराया गया। लेकिन आज 20 साल बाद पतंजलि का कारोबार कहां से कहां पहुंच गया और बालकृष्ण ने अरबपतियों की सूची में अपना नाम दर्ज कर लिया।
बालकृष्ण केवल एक आयुर्वेद विशेषज्ञ और पतंजलि में बाबा के सहयोगी ही नहीं हैं, बल्कि एफएमसीजी की जितनी भी बड़ी कंपनियां बाजार में मौजूद हैं, उन्हें टक्कर देने की रणनीति भी रचते हैं। फोर्ब्स मैगजीन में बालकृष्ण का नाम आना अपने आपमें बड़ी बात है।
आपको बता दें कि पतंजलि पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा ग्रोथ करने वाले एफएमसीजी प्रोडक्ट वाली कंपनी बन गई है।
बिजनेस विशेषज्ञ बालकृष्ण
नेपाल से भारत आए बालकृष्ण बहुत दिग्गज या शिक्षित नहीं हैं, लेकिन अपने छोटे से ज्ञान और मेहनत से उन्होंने बड़े बड़े दिग्गजों को बाजार में टक्कर दी है। वैदिक शिक्षा, प्रकृति से प्यार और आयुर्वेद के नुस्खों से बालकृष्ण यहां तक पहुंचे हैं। दिव्या फॉर्मेसी से शुरुआत करने वाले बालकृष्ण ने आज पतंजलि के साथ विदेश की उड़ान भर ली है।
पतंजलि के प्रोडक्ट्स और पतंजलि योगपीठ आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इसका मुख्यालय हरिद्वार में है। बाबा के पतंजलि ब्रांड की कीमत आज की तारीख में करीब 2000 करोड़ रुपए तक आंकी जाती है। पतंजलि आयुर्वेद ने बड़े शहरों में फ्रेंचाइजी के जरिए अपने प्रोडक्ट बेचना शुरू किया था। बाबा के बिजनेस का ये सिलसिला अब कॉस्मेटिक से लेकर किराना के अलावा हर तरह के घरेलू प्रोडक्ट तक पहुंच चुका है। बाबा रामदेव का टारगेट है कि इस साल वे अपनी कंपनी को 5 हजार करोड़ तक पहुंचा देंगे।
खाद्य, कपड़े और एफएमसीजी के कई उत्पादों में नाम कमाने के बाद अब पतंजलि डेयरी उत्पादों में भी हाथ आजमाने की तैयारी कर रहा है। बीते दिनों रामदेव ने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल (एनडीआरआई) में इसकी घोषणा की है। इससे पहले जींस और कपड़ों के उत्पादों में भी पतंजलि आगे आ चुकी है।
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