as per एबीपी :
New Delhi: Pathankot में आतंकियों के खिलाफ एनएसजी के ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन का केरल के पल्लकड़ में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार हो रहा है.
जब शहीद निरंजन का पार्थिव शरीर बेंगलुरू पहुंचा तो उनकी कुर्बानी को सलाम करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सिर्फ 34 साल के निरंजन का पार्थिव शरीर बेंगलुरू में उनके घर पहुंचा तो परिवार औऱ रिश्तेदारों के अलावा आस पास के लोग भी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे.
इसके बाद उनके पार्थिक शऱीर को बेंगलुरू के बीईएल ग्राउंड में रखा गया, जहां मुख्यमंत्री से लेकर आम लोगों तक ने उन्हें श्रद्दांजलि दी. लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी और परिवार के बाकी सदस्यो कें अलावा उनकी 2 साल की बेटी भी वहां मौजूद थी.
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकी हमले के दूसरे दिन जब तलाशी अभियान चल रहा था, तभी लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन, मारे गए एक आतंकवादी के शरीर में लगे IED बम को डिफ्यूज करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन बम फट गया. निरंजन कुमार बुरी तरह जख्मी हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. एनसीसी में लेफ्टिनेंट कर्नल के टीचर रह चुके मेजर शंकर जाधव का कहना है कि ट्रेनिंग के वक्त भी निरंजन हमेशा दूसरे कैडेट्स को प्रेरित करते थे.
लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन ई कुमार का जन्म बेंगलुरु में हुआ लेकिन मूल रूप से उनका परिवार केरल का रहने वाला था. शहीद निरंजन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी लेकिन वो सेना में भर्ती होना चाहते थे. 2004 में उन्हें ये मौका मिला. 2 साल पहले ही निरंजन एनएसजी की टीम से जुड़े, इस बात से वो बेहद खुश थे. लेकिन पठानकोट में एनएसजी के ऑपरेशन के दौरान ही वो शहीद हो गए. कर्नाटक सरकार ने शहीद निरंजन के परिवार को 30 लाख रुपए देने का एलान किया है.
latest hindi news update by police prahari news
0 comments:
Post a Comment