as per ABP :
नई दिल्ली/कोच्ची : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ हम बातचीच करके नया इतिहास बनाना चाहते है. ताकि आतंकवाद को खत्म किया जा सके और दोनों देशों के बीच शांति पूर्ण संबध बनाएं जा सके. प्रधानमंत्री मोदी ने ये बात कोच्चि के करीब अरब सागर में संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मंगलवार को कही.
साथ में ये भी कहा कि पाकिस्तान के इरादों को परखना चाहते है पर अपनी सुरक्षा तैयारियों में कोई ढील नहीं देनी है. हालांकि पाकिस्तान का नाम लिये बगैर मोदी ने कहा कि जिस तरह हमारे पड़ोस में परमाणु हथियारों का जखीरा तैयार किया जा रहा है वो बेहद चिंता का विषय है. ये पहला मौका है जब रक्षा मंत्री और तीन सेनाओं के प्रमुखों सहित टॉप कमांडर्स का ये सम्मेलन राजधानी दिल्ली से बाहर समुद्र में हुआ.
ये कांफ्रेस नौसेना के आधुनिकतम विमान-वाहक युद्धपोत, आईएनएस विक्रमादित्य पर कोच्चि से करीब 100 किलोमीटर दूर अरब सागर में हुई. चीन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे रिश्ते लगातार बेहतर और मजबूत हो रहे है लेकिन सीमा पर अतिक्रमण (घुसपैठ) और चीनी सेना का आधुनिकरण और तेजी से होता विस्तार चिंता का विषय है.
मोदी ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, तीनों सेनाओं के प्रमुख, एनएसए अजीत डोभाल और रक्षा सचिव सहित सेना के सभी टॉप कमांडर्स की मौजूदगी में कहा कि पश्चिम एशिया में अस्थिरता हमारे लिये खतरा बन सकता है. भले ही दुनियाभर में आतंकवाद और कट्टरता बढ़ रही है लेकिन इन सबके बीच इस्लामिक देश सहित दुनियाभर के देश भी हमसे सहयोग मांग रहे है.
पीएम ने सेना को कहा कि वो हमें ऐसे हालात के लिये तैयार रहना चाहिए जहां लड़ाई बेहद जल्दी जीती जा सके. उन्होंने ये भी कहा हमें संख्या के बजाय तकनीक पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने चेन्नई में बाढ़ पीड़ितों और नेपाल आपदा, यमन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिये सेना को बधाई दी. सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी के सामने नौसेना ने अपना शक्ति-प्रर्दशन दिखाया.
इसमें विमान-वाहक युद्धपोत पर लड़ाकू-विमान मिग-29 का टेक-ऑफ और लैंडिग दिखाया गया. साथ ही नौसेना के दूसरे युद्धपोत आईएऩएस विराट सहित करीब एक दर्जन युद्धपोत इस शक्ति-प्रर्दशन में हिस्सा लिया. ये सम्मेलन इसलिये राजधानी दिल्ली से बाहर हुआ क्योंकि पिछली कमांडर्स कांफ्रेंस में खुद पीएम मोदी ने सेनाओं को सलाह दी थी कि इस तरह की महत्वपूर्ण मीटिंग ऑपरेशनल-इलाकों और युद्धपोत पर होनी चाहिए.
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