as per ABP :
नई दिल्ली : फ्रीलांसर्स के तौर पर कार्य करना पेशेवर जीवन का एक रोमांचक चरण होता है. बिना किसी दबाव और डर के वह बखूबी अपने काम को अंजाम देते हैं. इस बात पर अब वैज्ञानिकों ने भी अपनी मुहर लगा दी है. एक नए शोध से सामने आया है कि अधिक काम स्वतंत्र कर्मियों (फ्रीलांसर्स) में उत्साह भरता है.
लंदन यूनिवर्सिटी के जार्ज मिशेलडीज और लीसेस्टर यूनिवर्सिटी के स्टीफेन वुड ने इस शोध में 45 फ्रीलांसर्स को शामिल किया.
6 महीनों के इस परीक्षण में इन व्यक्तियों का हर सप्ताह समान सर्वेक्षण किया गया. इसमें उन्होंने पाया कि काम का बोझ बढ़ने पर भी वह शांत रहते हैं.
स्वतंत्र रूप से काम करने वाले लोगों में काम के घंटों में उतार-चढ़ाव खुशी का संचार करते हैं. हालांकि अत्यधिक मांगों के वक्त इनकी कठिनाई बढ़ जाती है, उस ये समय चिंतित और उदास हो जाते हैं.
वुड के अनुसार, “मांग की वृद्धि लोगों के काम के संतुलन को प्रभावित करती है. यह कार्य से संबंधित हो या परिवार से लेकिन प्रतिबद्धताओं की वजह से उनका काम प्रभावित होता है.”
यह शोध बताता है कि किसी की परवाह किए बिना अगर आप काम करते हैं तो इससे न केवल वह बेहतर होता है बल्कि वह जल्दी पूरा हो जाता है जिसके फलस्वरूप आप एक समय में अधिक कार्य कर पाते हैं.
यह उत्साह आधारित सिद्धांत हालांकि कुछ लोगों तक ही सीमित है, जिनके कार्य और आय में उतार-चढ़ाव होता है. यद्यपि कभी-कभी उनके पास बिल्कुल काम नहीं होता है.
सामान्य रूप से कार्यालय में अधिक घंटे एक चुनौती और बाधा दिखाई पड़ते हैं जो परस्पर कार्य के विरोध साबित हो सकते हैं. वहीं फ्रीलांसिंग में डिमांड घंटों की तुलना में लोगों को अधिक प्रभावित करती है.
फ्रीलांसिंग में कार्यो की विविधता, स्वतंत्रता और नियंत्रण फ्रीलांसर्स में खुशी का संचार करता है.
यह शोध ‘सेज’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
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