नई दिल्ली : नेशनल हेरल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पेशी के आदेश को लेकर संसद में आज भी जबर्दस्त हंगामा हुआ. राहुल गांधी ने पीएमओ पर निशाना साधा है और न्याय व्यवस्था पर आस्था जताई है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अगर कानून में कांग्रेस को भरोसा तो संसद क्यों नहीं चलने दे रही. सवाल ये है कि क्या कांग्रेस देश का विकास रोक रही है?
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तारीख बदली लेकिन संसद में हंगामा कम नहीं हुआ. नेशनल हेरल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घिरने के बाद लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस हंगामा करती रही.
राज्यसभा चार बार ठप होकर दिन भर के लिए स्थगित हो गई तो लोकसभा में भी सोनिया-राहुल का मुद्दा उठा. कांग्रेस सोनिया-राहुल के लिए उन नेताओं के नाम गिना रही है जिन पर मोदी राज में सीबीआई-ईडी का शिकंजा कसा तो सरकार कह रही है कि संसद के जरिये कोर्ट को धमकाने की कोशिश हो रही है.
राहुल सदन के बाहर तो न्यायपालिका के सम्मान की बात कह रहे हैं लेकिन सदन के भीतर उसी कोर्ट के आदेश पर काम नहीं करने दे रहे. ऐसे में सवाल ये है कि कांग्रेस चाहती क्या है. क्या सरकार कोर्ट से कहे कि सोनिया-राहुल पर केस न चले.
कांग्रेस नेताओं के पास इस सवाल का साफ जवाब नहीं है कि कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को संसद चलाने के लिए क्या करना चाहिए, लेकिन सरकार कह रही है कि देश के विकास की रफ्तार रोकने के लिए हंगामा खड़ा किया जा रहा है.
सवाल ये है कि क्या कांग्रेस रणनीति के तहत सदन को ठप कर रही है ताकि देश की विकास की रफ्तार रुके और सरकार की छवि खराब हो, लेकिन इससे नुकसान किसका होगा- मोदी सरकार का या देश की जनता का?
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