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नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली की हवा में प्रदूषण की वजह से इतना जहर घुल गया है कि लोग अब घर से बाहर निकलने में भी डरने लगे हैं.जानलेवा गैसें बाहरी वातावरण में ही नहीं बल्कि घरों के अंदर भी आपको शिकार बना रही है.ऐसे में लोग अब अपने ड्राइंग रूम और बेडरूम में एअर प्यूरीफायर यानि हवा को साफ करने वाली मशीन लगाकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. एअर प्यूरीफायर कितना असरदार है देखते हैं इस रिपोर्ट में.
दिल्ली की हवा में घुली जहरीली गैस से दिल्ली के ग्रेटर कैलाश 1 में अपना ऑफिस चलाने वाले नीलेश अग्रवाल इतना डर गए कि इन्होंने अपने ऑफिस में एयर प्यूरीफायर यानि हवा को साफ करने वाली मशीन लगवानी पड़ी. इन्हें केवल अपनी ही चिंता नहीं है.इन्होंने अपने कमरे के अलावा बाकी कर्मचारियों के कमरे में भी ऐसे ही एअर प्यूरीफायर लगवा रखे हैं.
दिसंबर महीने में दिल्ली की हवा में जो मोटी चादर बन रही है उसे कोहरा या धुंध समझने की गलती बिल्कुल मत करिएगा.ये काले धुएं, प्रदूषण और नमी की वो जानलेवा परत है जो लोगों को दे रही हैं अस्थमा, कैंसर और ना जाने कितनी खतरनाक बीमारियां.
अगर आप ऐसे माहौल में बाहर निकलते हैं तो हवा में घुला ये जहर रोज आपको थोड़ा-थोड़ा करके मार रहा है. इससे बचना भी मुश्किल है लेकिन जब आपने घरों में होते हैं तो कुछ हद तक इसका मुकाबला कर सकते हैं. वो कैसे? तो इसका जवाब है ये एयर प्यूरीफायर जो नीलेश जैसे लोगों ने लगवाया है.
अब आप सोच रहे होंगे कि ये एयर प्यूरीफायर काम कैसे करते हैं और हवा में घुली जहर से कैसे आपको बचाते हैं? ये जानने के लिए आपको इसकी पूरी प्रक्रिया समझनी होगी.
एयर प्यूरीफायर की तकनीक फिल्टर और फैन यानि पंखे पर आधारित है. जब आप अपने कमरे में इस एअर प्यूरीफायर को ऑन करते हैं तो इसमें लगा फैन काम करना शुरू कर देता है. इसका काम कमरे की गंदी हवा को खींचना और उसे साफ करके दोबारा कमरे में छोड़ना होता है. इस काम में इसकी मदद करते हैं मशीन में लगे तीन फिल्टर. ये फिल्टर ही धूल, धुंआ एस्बेस्टस, पॉलेन यानि पराग, पालतू जानवरों के महीन बाल, बैक्टीरिया और वायरस को अपने पास रोक लेते हैं उन्हें खत्म कर देते हैं. इस तरह से गंदी हवा तीन फिल्टरों से गुजरने के बाद साफ हो जाती है और दोबारा आपके कमरे में आ जाती है.
कुछ एअर प्यूरीफायर में अल्ट्रावायलेट लाइट सिस्टम का भी इस्तेमाल होता है जिससे निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें खतरनाक कीटाणुओं को मार देती हैं. लेकिन ये धूल और धुआं को रोकने में मददगार नहीं होते हैं.
वहीं कुछ एयर प्यूरीफायर में air ionizer तकनीक का इस्तेमाल होता है जो हवा में निगेटिव ऑयन छोड़ता है ये ऑयन पॉजिटिव ऑयन वाले कीटाणुओं पर हमला करके उन्हें मार देते हैं. लेकिन जानकारों के मुताबिक दिल्ली जो गैस चेंबर बन गई है उसमें इस तरह के एयर प्यूरीफॉयर ये पूरी तरह से आपकी हवा को साफ करने में मददगार नहीं हैं
इन एयर प्यूरीफायर से जुड़ी जो दूसरी समस्या है वो ये कि ये काफी महंगे हैं. बाजार में इनकी कीमत 15 हजार से लेकर 50 हजार तक है जिन्हें खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं हैं. वहीं अगर आपका तीन कमरों का घर है तो आपको हर कमरे के लिए ये एयर प्यूरीफायर खरीदना होगा.
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