नई दिल्ली: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने निर्णय लिया है कि अब अपने छात्रों को प्लेसमेंट के बाद मिलने वाले सैलरी पैकेज को सार्वजनिक नहीं करेगी. संस्थान ने यह निर्णय छात्रों पर पड़ने वाले दबाव के चलते लिया है. देश भर में 16 आईआईटी हैं. यह निर्णय सभी संस्थानों में लागू होगा.
as per ABP :
आईआईटी खड़गपुर के करियर डेवलेपमेंट सेंटर के चेयरमैन प्रोफेसर सुधीर बराई ने बताया, "सैलेरी पैकेज छात्रों के ऊपर एक तरह का दबाव की तरह होता है. छात्रों के ऊपर यह दवाब उनके साथियों, अभिवभाकों की ओर से होता है. लोग भूल जाते हैं कि कुछ छात्रों को ही एक करोड़ रुपये या उससे ज्यादा का भारी भरकम पैकेज मिलता है. औसत सैलरी पैकेज कम ही होता है."
इस से संबंधित निर्णय हाल ही में गुवाहाटी में हुई आईआईटी की प्लेसमेंट कमेटी की मीटिंग में लिया गया. सुधीर बराई ने बताया, "हमने यह निर्णय पहले ही ले लिया था लेकिन इस बार हम इसे कढ़ाई से लागू करेंगे.''
इसके साथ ही कुछ छात्रों को मिलने वाली नौकरी में कुछ कॉन्फिडेंशियल क्लॉज भी होते हैं जिसके तहत उन्हें सार्वजनिक रूप से अपनी सैलरी बताने से मना किया जाता है.
प्रोफेसर सुधीर बराई के मुताबिक, ''हमें कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों को ओर से इस बारे में कई बार शिकायतें मिल चुकीं हैं. इसके साथ छात्र और उनके परिवार की सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा बनता है.
आपको बता दें हाल ही में एक आईआईटी खड़गपुर के छात्र ने मीडिया को बताया था कि उसे गूगल से दो करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज ऑफर किया गया है. आईआईटी के एक दूसरे अधिकारीके मुताबिक हम छात्रों को नहीं रोक सकते हैं.
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