कराची: पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद युसूफ ने कहा कि भारत के खिलाफ प्रस्तावित क्रिकेट श्रृंखला को लेकर हलचल उनकी समझ से परे हैं और उन्हें लगता है कि पीसीबी का खजाना भरने के अलावा दोनों देशों को इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.
as per ABP :
युसूफ ने कहा,‘‘ मुझे समझ में नहीं आता कि इतनी हलचल क्यो है. यदि भारत और पाकिस्तान नहीं खेलते तो विश्व क्रिकेट या इन दोनों देशों के क्रिकेट पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.’’
उन्होंने कहा,‘‘ इस तरह की बातें कि भारत-पाक क्रिकेट के बीच श्रृंखला विश्व क्रिकेट के लिये जरूरी हैं ,मेरी समझ से परे है. हम बरसों से एक दूसरे के खिलाफ नहीं खेल रहे हैं और इससे हमारे क्रिकेट पर कोई असर नहीं पड़ा.’’
उन्होंने कहा कि उनके खेलने के दौरान सिर्फ 2004 से 2007 के बीच देनों टीमों ने एक दूसरे के खिलाफ नियमित द्विपक्षीय श्रृंखलायें खेली.
उन्होंने कहा,‘‘ इसके अलावा हमेशा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट में काफी अंतराल रहा है. इससे भारतीय या पाकिस्तानी क्रिकेट की तरक्की नहीं रूकी है. हम एक दूसरे के खिलाफ नहीं खेलेंगे तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खत्म नहीं हो जायेगा.’’
युसूफ ने कहा कि पीसीबी को ईमानदारी से कहना चाहिये कि वे भारत के खिलाफ इसलिये खेलना चाहते हैं क्योंकि इससे उन्हें काफी कमाई होगी.
युसूफ ने कहा,‘‘मैं पीसीबी को सलाह दूंगा कि भारत के साथ खेलने की अहमियत और जरूरत पर बात करना बंद करे.’’
उन्होंने कहा कि इसकी बजाय पीसीबी को घरेलू क्रिकेट का ढांचा सुधारने पर ध्यान देना चाहिये.
उन्होंने कहा,‘‘ हम पाकिस्तान सुपर लीग का आयोजन करने जा रहे हैं जिससे साबित होता है कि कोई आर्थिक समस्या नहीं है. हमें यह देखना चाहिये कि इससे दीर्घकाल में घरेलू स्तर के खिलाड़ियों को कैसे फायदा होता है.’’
पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान और महान बल्लेबाज जावेद मियांदद ने कहा कि उन्हें इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय बोर्ड या सरकार की पाकिस्तान से खेलने में कोई रूचि नहीं है.
उन्होंने कहा,‘‘ वे सिर्फ देरी कर रहे हैं. कोई देश किसी मेजबान को कैसे कह सकता है कि उसे मैचों की मेजबानी कहां करनी चाहिये. मुझे नहीं लगता कि आनन फानन में श्रृंखला खेलने के लिये तैयार होने पर हमें कोई फायदा होगा. हमें समझना होगा कि पाकिस्तान क्रिकेट का आत्मसम्मान सर्वोपरि है.’’
कई बार खिलाड़ी और कोच के रूप में भारत का दौरा कर सके मियांदाद ने कहा कि पाकिस्तानी टीम जब भी भारत गई या भारतीय टीम जब भी पाकिस्तान आई तो यह तभी हुआ जब उनकी सरकार चाहती थी.
उन्होंने कहा,‘‘ मुझे याद है कि 1999 में हम उनके कुछ दलों के भारी विरोध के बावजूद वहां खेलने गए थे क्योंकि उनकी सरकार चाहती थी कि यह दौरा हो. इस बार उनकी सरकार नहीं चाहती कि यह श्रृंखला हो.’’
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