as per ABP :
नई दिल्ली/चेन्नई : देश भर में सांप्रदायिकता को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इन सब के बीच सियासत से दूर इंसानियत का फर्ज अदा करने वाले भारतीय भी अपने काम में लगे हैं और ये लोग सांप्रदायिक सौहार्द की नई इबारत लिख रहे हैं. चेन्नई बाढ़ से उबर रही है और राहत के बीच कुछ ऐसे कारनामें हो रहे हैं जिनपर हर 'हिन्दुस्तानी' को फर्क होगा.
चेन्नई की भीषण बारिश और उससे मची तबाही सबके सामने है. बाढ़ में पूरा शहर जलमग्न हो गया था. अब जाकर ज्यादातर इलाकों में पानी उतर चुका है. इसके बाद गंदगी और कचरे का अंबार लोगों को नजर आ रहा है. ऐसे ही बाढ़ के मलबे में चेन्नई के कई मंदिर भी फंसे हुए हैं. ऐसे ही दो मंदिरों को साफ करने का बेड़ा उठाया है स्थानीय मुसलमान युवकों ने.
गैर सरकारी संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद के पीर मोहम्मद ने बताया कि उन्होंने देखा कि पानी उतरने के बाद मस्जिदों और मंदिरों में काफी मलबा आ गया है. ऐसे में लोगों को इबादत और पूजा में दिक्कत आ रही है. इसके बाद संगठन के करीब 50 युवकों ने मस्जिद के साथ ही मंदिरों की सफाई का भी बीड़ा उठाया.
कोट्टूपुरम और साइदापत के मंदिरों के मुस्लिम युवकों ने पूरी तरह से साफ कर दिया. यह देख कर लोग आसपास के लोग भी उनकी मदद के लिए आ गए और सफाई कार्य में हाथ बंटाने लगे. यह नजारा देश की गंगा-जमुनी तहजीब की बड़ी मिसाल है.
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