जानिए: 'सेक्सुअल अब्यूज' पर बच्चों को कैसे सतर्क किया जाए?........latest news update by police prahari news


as per News24 : 
पुणे (19 अक्टूबर): किसी भी 'स्पर्श' को समझने को लेकर बच्चों को कैसे समझाया जाए, कैसे तैयार किया जाए। अगर कोई ग़लत इरादे से बच्चे को स्पर्श करता है तो उसे तत्काल क्या करना चाहिए। स्पर्श प्यार दुलार का है या लालसा-वासना का? सबसे पहले तो बच्चे को इसकी समझ होना ज़रूरी है। देश और दुनिया में बढ़ते बाल यौन शोषण (चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज़) अपराधों के मद्देनज़र यह बेहद जरूरी हो गया है कि हम इसपर गंभीरता से ध्यान दें। अपने बच्चों को बताया जाए कि अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श में क्या फर्क है। अच्छा होगा, बच्चों को सिखाने से पहले हम खुद भी इस बारे में अपनी समझ विकसित करें। आइए जानतें हैं चाइल्ड अब्यूज से जुड़े कुछ जरूरी पहलू-
क्या है चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज (सीएसए):
जब कोई व्यस्क/बालिग या नाबालिग व्यक्ति किसी नाबालिग व्यक्ति या बच्चे पर दबाव डालकर, जबर्दस्ती, चालाकी या किसी भी तरह से किसी भी तरह की सेक्सुअल एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए मजबूर करता है तो इसे चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज कहा जाता है।
हम क्या कर सकते हैं:
बच्चों को जरूर ही बताया जाना चाहिए कि अगर उनके साथ कुछ भी ऐसा हो रहा है। जिससे उन्हें असहज महसूस होता है। तो उन्हें अपने भरोसेमंद व्यक्ति को इसके बारे में बताना चाहिए।
बच्चों को यह महसूस कराएं। कि जो भी व्यस्क के तौर पर अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल करता है। तो उनके पास 'ना' कहने का अधिकार है। हमें उन्हें यह बताना चाहिए कि उनकी सुरक्षा शिष्टाचार से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
बच्चों को खुले तौर पर उनके शरीर के हिस्सों के बारे में उनके सही नामों के साथ वैज्ञानिक ढ़ंग से सिखाए। जिससे इनके बारे में बात करते समय उन्हें परेशानी ना हो। इसके साथ ही अब्यूज की स्थिति में वह समझ सकें कि उनके साथ क्या हो रहा है।
अहम टिप्स:
1. बच्चों को उनके पते और फोन नंबर बताएं।
2. अगर आप घर के बाहर ऐसी जगह जाएं जहां आपको बच्चों से अलग होना पड़े, तो उन्हें ये ज़रूर बता कर जाएं कि वो वहां आपसे कैसे संपर्क कर सकते हैं।
3. उन्हें इमरजेंसी नंबर डायल करने और सही बात कहना सिखाएं।
4. उन्हें किसी भरोसेमंद के नंबर के बारे में बताएं। जिसे बच्चे को कही लिखकर रख लेने को कहें।
5. बच्चों को अच्छे स्पर्श और गंदे स्पर्श के बारे में भी बताएं।
6. उन्हें बताएं कि अच्छा स्पर्श वह है जिसमें आप सुरक्षित महसूस करते हैं। जबकि बुरा स्पर्श ऐसा है जिससे परेशानी और कष्ट होता है। यह शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
7. माता पिता के नाते ध्यान रखें कि कहीं कोई व्यस्क आपके बच्चों की निजता में दखल तो नहीं दे रहा।
8. दूसरे बच्चों और व्यस्क के साथ होने पर उन्हें 'स्पेशल टाइम' की ट्रेनिंग दें।
9. ध्यान रखें कि कहीं कोई व्यस्क बेवजह महंगे तोहफे तो नहीं दे रहा। या कहीं उनके करीब आने की कोशिश तो नहीं कर रहा।
10. अगर किसी पर पहले इस तरह का आरोप लगा है तो उसकी पहुंच से बच्चों को दूर रखें।
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