as per ABP :
नई दिल्ली: देश के कई शहरों से घरेलू और विदेश के लिए हवाई किराया दो फीसदी महंगा हो सकता है. सरकार ने छोटे-छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों मे हवाई सम्पर्क के लिए देशी-विदेशी हवाई टिकट पर दो फीसदी की दर से सेस लगाने का प्रस्ताव रखा है. प्रस्तावित नीति के तहत छोटे-छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों के लिए हवाई सम्पर्क की योजना अगले साल पहली अप्रैल से शुरु करने की बात कही गयी है.
नयी विमानन नीति के मसौदे में शामिल इस प्रस्ताव के जरिए 1500 करोड़ रुपये तक की कमाई होगी. इस रकम से छोटे-छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों मे घंटे भर की उड़ान के लिए ज्यादा से ज्यादा किराया 2500 रुपये रखने और हवाई अड्डों को सुधारा जाएगा. देश में इस समय करीब 476 हवाई अड्डे और हवाई पट्टी है, लेकिन इनमें से अभी 75 का इस्तेमाल होता है. दूसरे शब्दों मे कहें तो भारी शब्दं में हवाई अडडे और हवाई पट्टियां बेकार पड़ी हुई हैं.
मौजूदा हवाई टिकटों पर दो फीसदी के सेस के प्रस्ताव पर बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कम्पनी इंडिगो के अध्यक्ष आदित्य घोष के मुताबिक, अभी ये बताना मुश्किल है कि दो फीसदी सेस की वजह से उन्हे कितना किराया बढ़ाना पड़ेगा. ये सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि नयी नीति का पूरे विमानन बाजार पर क्या असर पड़ता है. घोष का ये भी कहना था कि अगर कुछ प्रस्तावों पर अमल होने से किराया कम भी हो सकता है.
फिलहाल, बहस के लिए जारी मसौदे मे कहा गया है कि बेकार पड़े कई हवाई अड्डों और हवाई पट्टी को हवाई यातायात शुरू करने लायक बनाया जाएगा. सुविधाएं सामान्य होंगीं और इसके लिए एक-एक हवाई अड्डा या हवाई पट्टी पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. विमानन सचिव राजीव नयन चौबे कहते हैं कि छोटे-छोटे शहरों और दूरदराज के शहरों के लिए हवाई सम्पर्क शुरु करने के लिए बेकार पड़े हवाई अड्डे और हवाई पट्टियां ही आधार बनेंगे.
नयी नीति के मसौदे पर लोग अपनी राय तीन हफ्ते के भीतर दे सकते हैं. इसके आधार पर नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा. चौबे कहते हैं कि नयी नीति की बदौलत घरेलू हवाई सफर के लिए यात्रियों की तादाद मौजूदा 7 करोड़ से 2022 तक 30 करोड़ और 2027 तक 50 करोड़ करने का लक्ष्य है.
विदेश के लिए उड़ान अभी कोई भी भारतीय विमानन कम्पनी, 5 साल तक घरेलू रास्तों पर उड़ान मुहैया कराने और बेड़े में 20 विमान होने के बाद ही विदेश की उड़ान शुरु कर सकती है. काफी समय से इसमे बदलाव की मांग की जा रही है. इसी के बाद नयी नीति के मसौदे में तीन प्रस्ताव दिया गया है
--मौजूदा नीति यानी 5/20 को जारी रखा जाए
-मौजूदा नीति को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए
300 डोमेस्टिक फ्लाइंग क्रेडिट जुटाने सार्क देशों या 5000 किलोमीटर की दूरी (जैसे खाड़ी के देश या सिंगापुर जैसे दक्षिण पूर्व एशिया के देश) के लिए उड़ान शुरु करने की इजाजत मिलेगी. इसके आगे की दूरी वाले देश की उड़ान के लिए 600 डोमेस्टिक फ्लाइंग क्रेडिट जुटाना होगा. ध्यान रहे कि महानगरो के के बीच की उड़ान के बजाए दूरदराज के शहरों के लिए ज्यादा उड़ान से ज्यादा डोमेस्टिग फ्लाइंग क्रेडिट मिलेगा.
मसौदे में कहा गया है विदेश की उड़ान के नियमों में फेरबदल पर फैसला कैबिनेट करेगी. हवाई जहाज के रखरखाव और मरम्मत वाली कम्पनियों यानी MRO को बढ़ावा नयी नीति के मसौदे में MRO को सर्विस टैक्स और वैट में राहत देने का प्रस्ताव है. इस तरह की कम्पनियों को बुनियादी सुविधा वाली कम्पनी का भी दर्जा देने का सुझाव है जिससे इनकम टैक्स में छूट मिल सके.
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