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नई दिल्ली : हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहानी वानी के मारे माने के बाद 48 दिनों से कश्मीर में चल रही अशांति के बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आज यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर घाटी में हालात पर चर्चा करेंगी। यह मुलाकात उस वक्त होने जा रही है कि जब केंद्र की ओर से मुख्यमंत्री को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि वह राज्य में बढ़ती अशांति पर नियंत्रण करें।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हिंसा के दौर पर विराम लगाने के लिए महबूबा को कुछ चीजों के बारे में स्पष्ट तौर पर बता दिया गया है। राज्य में हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते आठ जुलाई को घाटी में अशांति की शुरुआत होने के बाद मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच पहली बार मुलाकात होने जा रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले राज्य के विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी।
इस बैठक के बाद मोदी ने कश्मीर की स्थिति को लेकर ‘गहरी चिंता और दुख व्यक्त’ किया था और जम्मू-कश्मीर की समस्या का एक ‘स्थायी और दीर्घकालिक’ समाधान तलाशने के लिए सभी राजनीतिक दलों से एक साथ मिल कर काम करने का आह्वान किया था। बीते आठ जुलाई को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था। महबूबा ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई का बचाव किया था।
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नई दिल्ली : हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहानी वानी के मारे माने के बाद 48 दिनों से कश्मीर में चल रही अशांति के बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आज यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर घाटी में हालात पर चर्चा करेंगी। यह मुलाकात उस वक्त होने जा रही है कि जब केंद्र की ओर से मुख्यमंत्री को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि वह राज्य में बढ़ती अशांति पर नियंत्रण करें।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हिंसा के दौर पर विराम लगाने के लिए महबूबा को कुछ चीजों के बारे में स्पष्ट तौर पर बता दिया गया है। राज्य में हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते आठ जुलाई को घाटी में अशांति की शुरुआत होने के बाद मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच पहली बार मुलाकात होने जा रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले राज्य के विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी।
इस बैठक के बाद मोदी ने कश्मीर की स्थिति को लेकर ‘गहरी चिंता और दुख व्यक्त’ किया था और जम्मू-कश्मीर की समस्या का एक ‘स्थायी और दीर्घकालिक’ समाधान तलाशने के लिए सभी राजनीतिक दलों से एक साथ मिल कर काम करने का आह्वान किया था। बीते आठ जुलाई को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था। महबूबा ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई का बचाव किया था।
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