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आगे जानकारी में पता चला कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की पहल पर जून 2016 में इस फंड को शुरु किया गया था। ‘बैटेल कैजुयल्टी’ का अर्थ हालांकि युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति में अपने कर्तव्य को निभाते हुए घायल या शहीद होना होता है, लेकिन ये फंड खास तौर से शहीदों के परिवार के लिए बनाया गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये बात भी साफ कर दी है कि ये फंड पूरी तरह से वॉलेंटेरी-फंड है यानि कोई भी अपनी इच्छा से इसमें जितना चाहे उतनी की मदद राशि दान में दे सकता है लेकिन मैसेज में जो एक रुपया रोज जमा करने की बात कही गयी है वो मैसेज लिखने वाले की तरफ से जोड़ा गयी है और इससे रक्षा मंत्रालय का कोई लेना देना नहीं है।
जिसका साफ मतलब है कि कितने पैसे जमा करने है ये सब जनता के ऊपर है और एक रुपए रोज जमा करने का दावा गलत है। हालाकि बैंक अकाउंट है और उसे रक्षा मंत्रालय ने ही खोला है।
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नई दिल्ली: आज कल सोशल
मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है इस मैसेज के जरिए दावा किया जा रहा है
कि देश में पहली बार देश की सेना के लिए बैंक अकाउंट खोला गया है ताकि जनता
भी देश की सेना को मजबूत बनाने में भागीदार बन सके। क्या वाकई ऐसा कोई
बैंक अकाउंट खोला गया है। तेजी से वायरल हो रहे इश मैसेज की सच्चाई जानने
के लिए की पड़ताल।
क्या है मैसेज में ?
वायरल हो रहे इस मैसेज में लिखा हुआ है कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए एक बैंक खाता खोला है जिसमें लोग पैसा जमा कर सकते हैं और भारत की सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना बनाने में अपनी सीधी भागीदारी भी दे सकते है।
वायरल हो रहे इस मैसेज में लिखा हुआ है कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए एक बैंक खाता खोला है जिसमें लोग पैसा जमा कर सकते हैं और भारत की सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना बनाने में अपनी सीधी भागीदारी भी दे सकते है।
मैसेज में आगे लिखा है कि अगर जनता एक
रुपए भी रोज के हिसाब से सेना के खाते में सहायता राशि जमा करे तो भी भारत
की सेना बड़ी आसानी से सबसे मजबूत सेना बन सकती है।
मैसेज में लिखा है इससे होगा ये कि किसी
संसादन की कमी के कारण सेना के जवान कभी परेशानी में नहीं आएंगे। इस खाते
को नाम दिया गया है ‘आर्मी वेलफेयर फंड बैटेल केजुअल्टी’ अकाउंट। इसी मैसेज
में आगे एक बैंक अकाउंट नंबर भी दिया गया है।
वायरल मैसेज में जिस अधिकारी का नाम वो रक्षा मंत्री का ओएसडी
रक्षा मंत्रालय के जिस विशेष कार्य अधिकारी उपेंद्र जोशी के नाम का जिक्र था उन्हें ढूंढने की कोशिश की गई तो पता चला कि रक्षा मंत्रालय में उपेंद्र जोशी नाम के एक अधिकारी वास्तव में हैं और वे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के ऑफिस में ओएसडी हैं।
रक्षा मंत्रालय के जिस विशेष कार्य अधिकारी उपेंद्र जोशी के नाम का जिक्र था उन्हें ढूंढने की कोशिश की गई तो पता चला कि रक्षा मंत्रालय में उपेंद्र जोशी नाम के एक अधिकारी वास्तव में हैं और वे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के ऑफिस में ओएसडी हैं।
पड़ताल में इस बात का भी पता चला कि रक्षा
मंत्रालय ने सिंडिकेट बैंक की नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक ब्रांच में खाता
नंबर 90552010165915 भी खोला है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने हमें
बताया कि ये फंड इसलिए शुरू किया गया है क्योंकि बड़ी तादाद में देश के
नागरिक युद्ध में घायल या शहीदों के लिए दान देना चाहते थे लेकिन इसकी कोई
व्यवस्था नहीं होने से आम लोग ऐसा नहीं कर पाते थे। इसलिए एक बैटेल
कैजयुल्टी फंड बनाया गया है। जो इच्छुक लोगों की इसमें मदद भी करेगा।
बैलेट कैजुयल्टी नाम से फंडआगे जानकारी में पता चला कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की पहल पर जून 2016 में इस फंड को शुरु किया गया था। ‘बैटेल कैजुयल्टी’ का अर्थ हालांकि युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति में अपने कर्तव्य को निभाते हुए घायल या शहीद होना होता है, लेकिन ये फंड खास तौर से शहीदों के परिवार के लिए बनाया गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये बात भी साफ कर दी है कि ये फंड पूरी तरह से वॉलेंटेरी-फंड है यानि कोई भी अपनी इच्छा से इसमें जितना चाहे उतनी की मदद राशि दान में दे सकता है लेकिन मैसेज में जो एक रुपया रोज जमा करने की बात कही गयी है वो मैसेज लिखने वाले की तरफ से जोड़ा गयी है और इससे रक्षा मंत्रालय का कोई लेना देना नहीं है।
जिसका साफ मतलब है कि कितने पैसे जमा करने है ये सब जनता के ऊपर है और एक रुपए रोज जमा करने का दावा गलत है। हालाकि बैंक अकाउंट है और उसे रक्षा मंत्रालय ने ही खोला है।
जिसका साफ मतलब है कि कितने पैसे जमा करने है ये सब जनता के ऊपर है और एक
रुपए रोज जमा करने का दावा गलत है। हालाकि बैंक अकाउंट है और उसे रक्षा
मंत्रालय ने ही खोला है। -- Sponsored Links:-
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