आपको कोटा के कोचिंग सस्थानों और वहां हो रही खुदकुशी की घटनाओं की रिपोर्ट दिखाई है। कोटा से ही जुड़ी एक और बड़ी खबर आई है। कोटा में जान देने वाली 17 साल की कृति आपको याद होगी। अपनी चिट्ठी में उसने कोचिंग संस्थानों को बंद करने की अपील सरकार से की थी। सरकार अब जिस दिशा में कदम उठाने जा रही है लगता है कि देश की शिक्षा मंत्री ने उसकी अपील सुन ली है। स्मृति ईरानी ने कहा है कि वो कुछ ऐसा करने जा रही हैं कि IIT की तैयारी करने वाले छात्रों को कोटा जाकर कोचिंग की जरूरत ही नहीं पढ़ेगी।
आईआईटी प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक ना आना से 17 साल की कृति ने राजस्थान के कोटा में अपनी जान दे दी थी। मरने से पहले कृति ने अपने परिवार को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उसने देश की शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी से ये अपील भी की थी। कोटा में कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद किए जाएं। कृति की आखिरी ख्वाहिश शायद स्म़ृति ईरानी तक पहुंच गई है। दिल्ली में एक कार्यक्रम में स्मृति ने कहा कि सरकार ऐसे कदम उठा रही है कि छात्रों को कोचिंग के लिए कोटा ना जाना पड़े। आईआईटी एंट्रेंस एक्जाम में अब 12वीं के स्तर के ही सवाल पूछे जाएंगे।
12 वीं की पढ़ाई के बाद आईआईटी जैसे संस्थानों के दाखिले की परीक्षा बेहद कठिन होती है। कोटा के कोचिंग संस्थान छात्रों के इसी डर का फायदा उठाते हैं। लेकिन अब सरकार ये डर दूर करना चाहती है। स्मृति ने कहा कि सरकार एक ऐसी वेबसाइट लेकर आएगी जिसमें 2 महीने के अंदर 50 सालों के आईआईटी के सारे प्रश्नपत्र होंगे और उनके जवाब भी साथ होंगे। इसके अलावा वेबसाइट पर 13 भाषाओं में वीडियो लेक्चर भी होंगे।
कृति यूपी के गाजियाबाद की रहने वाली थी और कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही थी लेकिन 29 अप्रैल को कृति ने खुदकुशी कर ली थी। कृति ने मौत से पहले अपने परिवार को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उसने माता पिता की उम्मीदों पर खरा ना उतरने के लिए माफी मांगी थी साथ ही लिखा था कि मैं भारत सरकार और मानव संसाधन विकास मंत्री से गुहार लगाना चाहती हूं कि कोटा के इन कोचिंग संस्थानों को जो लोगों को चूसते हैं उन्हें जितनी जल्दी हो बंद कराएं।
कृति की आखिरी चिट्ठी ने सबको झकझोर कर रख दिया था। यही वजह है कि सरकार भी इसी कोशिश में है कि परिवार की उम्मीदों के बोझ और कोचिंग का दवाब आगे किसी बच्चे की जिंदगी ना छीन पाए। कोचिंग हब के नाम से मशहूर कोटा में पिछले डेढ़ साल में तीस से ज्यादा बच्चे खुदकुशी कर चुके हैं।
हर साल यहां के करीब 125 बड़े कोचिंग संस्थानों में हजारों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग के संस्थानों में दाखिले की तैयारी करने आते हैं।
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