--
-- --
--
-- --
--
पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू हो गई है। पहले रुझान में बंगाल में ममता लहर साफ देखी जा रही है। तमिलनाडु में जयललिता और करुणानिधि के बीच कांटे की टक्कर हो रही है। केरल में कांग्रेस लेफ्ट से पीछे है। जबकि असम में भाजपा 25 सीटों पर आगे दिख रही है।
पहला रुझानः
LIVE प. बंगाल विधानसभा मतगणना अपडेटः 93/294 ममता 64, लेफ्ट+ 26, बीजेपी 2 अन्य 1
LIVE तमिलनाडु विधानसभा मतगणना अपडेटः 66/234 करुणानिधि+ 33, जयललिता+33
LIVE केरल विधानसभा मतगणना अपडेटः 101/140 कांग्रेस+48, लेफ्ट+ 51, बीजेपी 2
LIVE असम विधानसभा मतगणना अपडेटः 46/126 बीजेपी+ 27, कांग्रेस+ 10, AIUDF+6 अन्य 3
LIVE पुडुचेरी विधानसभा मतगणना अपडेटः 9/30 कांग्रेस+ 4, जयललिता 4, AINRC 1 किस पर होगी नजर
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें ममता बनर्जी, जयललिता, तरूण गोगोई, एम करूणानिधि, ओमन चांडी, वी एस अच्युतानंदन, बुद्धदेव भटटाचार्य, सर्बानंद सोनोवाल, एन रंगासामी जैसे दिग्गज नेताओं की किस्मत का फैसला होगा।
उम्मीद है कि दोपहर 12 बजे तक विजेताओं की एक स्पष्ट तस्वीर सामने आ जायेगी और यह भी साफ हो जायेगा कि पश्चिम बंगाल में ममता दीदी की पकड़ कायम है या वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन पुरानी हैसियत वापस पाने में सफल रहा। इस चुनाव में पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में अपनी सरकार बनाने की भाजपा की दावेदारी पर भी स्थिति साफ होगी। तमिलनाडु में भी जयललिता के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक की सत्ता में कायम रहने की कवायद और उसे मिली करूणानिधि नीत द्रमुक की चुनौती पर से पर्दा हटेगा और यह भी साफ होगा कि केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ और वाममोर्चा की एलडीएफ में विजेता कौन है।इन तीन राज्यों में परिवर्तन के आसार
टेलीविजन चैनलों में 16 मई को प्रदर्शित चुनाव बाद के विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार असम, तमिलनाडु और केरल में परिवर्तन के आसार व्यक्त किये गए हैं। पूर्वोत्तर राज्य असम में पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है कि भाजपा वहां कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाकर पहली बार सरकार गठित कर सकती है। चुनाव बाद के सर्वेक्षणों के अनुसार कांग्रेस को केरल में भी हार का सामना करना पड़ेगा। तमिलनाडु में अनुमान व्यक्त किया गया है कि द्रमुक वहां अन्नाद्रमुक को हराकर सत्ता प्राप्त कर सकती है।
चुनाव बाद के सर्वेक्षणों के अनुसार केवल पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की लगातार दूसरी बार जीत का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।
सर्वेक्षणों में कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि उसे केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में जीत मिलने की उम्मीद व्यक्त की गई है, जहां उसके और द्रमुक के गठबंधन के सत्ता में आने की संभावना है।
असम में आएगी भाजपा?
असम विधानसभा की 126 सीटों की चुनावी तस्वीर 19 मई को मतगणना के साथ ही साफ हो जाएगी और इसके साथ ही मुख्यमंत्री तरूण गोगोई समेत 8,300 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी हो जायेगा और यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि क्या भाजपा पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में होगी या लगातार चौथी बार राज्य में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी।
राज्य में कोई सियासी पार्टी खम ठोककर सरकार बनाने का दावा नहीं कर रही है और एक्जिट पोल में भाजपा के सत्ता में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।
कांग्रेस बोडोलैंड क्षेत्र को छोड़कर अन्य भागों में अपने दम पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा ने असम गण परिषद के साथ गठबंधन किया है और जबकि एच मोहिलारी के नेतृत्व वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ उसका गठबंधन पहले से था। जेडीयू और आरजेडी ने बदरूद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ तालमेल किया है।
पश्चिम बंगाल में किसका पलड़ा भारी, होगी दीदी की वापसी?
पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव छह चरणों में सम्पन्न हुआ है और अब इस बात पर निगाहे टिक गई हैं कि इस चुनाव में जीत आखिर किसकी होगी और पलड़ा किसका भारी रहेगा और इसके कारणों की भी विवेचना होगी। कांग्रेस और वाम दलों में तालमेल होने के बाद तृणमूल के समक्ष एक मजबूत गठबंधन की चुनौती है। पश्चिम बंगाल में इस बार का विधानसभा चुनाव इस मायने में ख़ास है कि भारतीय जनता पार्टी भी पूरे दमख़म के साथ मैदान में उतरी है और इसलिए सियासी लड़ाई और दिलचस्प हो गई है ।
तमिलनाडु में होगी करूणानिधि की वापसी?
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्यमंत्री जे जयललिता सत्ता में बने रहने की उम्मीद के साथ मैदान में उतरी हैं तो द्रमुक के मुखिया करूणानिधि राज्य में सत्ता परिवर्तन की पुरानी परिपाटी के अनुरूप फिर से मुख्यमंत्री बनने की आशा लगाए हुए हैं। पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट की वजह से मुकाबला कुछ हद तक त्रिकोणीय नजर आ रहा है।
राज्य की 232 सीटों के लिए बीते 16 मई को मतदान हुआ और इसमें 69 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री जे जयललिता और द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि समेत 3700 से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा, जहां 5.50 करोड़ मतदाताओं के लिए करीब 65000 मतदान केंद्रों बनाए गए थे।
केरल फिर अपना इतिहास दोहराएगा?
केरल में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सबकी नजरें मतगणना पर टिक गयी हैं और सबके जेहन में यही सवाल है कि क्या केरल फिर अपना इतिहास दोहराएगा जहां हर पांच साल के अंतराल में सत्ता यूडीएफ और एलडीएफ के पास जाती रहती है ।
केरल में 140 विधानसभा सीटों के लिए 16 मई को हुए विधानसभा चुनाव में 2.61 करोड़ मतदाताओं में से 71.7 प्रतिशत ने मतदान किया है।
पुडुचेरीः एन रंगासामी को है चौथी बार सीएम बनने की उम्मीद
पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में इस बार भी जीत दर्ज करके मुख्यमंत्री एन रंगासामी एक बार फिर से इस केंद्र शासित प्रदेश की सत्ता संभालने और चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद लगाए हुए हैं। हालांकि अन्नाद्रमुक के अलग चुनाव लड़ने और द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन के चलते उनके लिए बड़ी चुनौती पैदा हो गयी है।
-- Sponsored Links:-
पहला रुझानः
LIVE प. बंगाल विधानसभा मतगणना अपडेटः 93/294 ममता 64, लेफ्ट+ 26, बीजेपी 2 अन्य 1
LIVE तमिलनाडु विधानसभा मतगणना अपडेटः 66/234 करुणानिधि+ 33, जयललिता+33
LIVE केरल विधानसभा मतगणना अपडेटः 101/140 कांग्रेस+48, लेफ्ट+ 51, बीजेपी 2
LIVE असम विधानसभा मतगणना अपडेटः 46/126 बीजेपी+ 27, कांग्रेस+ 10, AIUDF+6 अन्य 3
LIVE पुडुचेरी विधानसभा मतगणना अपडेटः 9/30 कांग्रेस+ 4, जयललिता 4, AINRC 1 किस पर होगी नजर
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें ममता बनर्जी, जयललिता, तरूण गोगोई, एम करूणानिधि, ओमन चांडी, वी एस अच्युतानंदन, बुद्धदेव भटटाचार्य, सर्बानंद सोनोवाल, एन रंगासामी जैसे दिग्गज नेताओं की किस्मत का फैसला होगा।
उम्मीद है कि दोपहर 12 बजे तक विजेताओं की एक स्पष्ट तस्वीर सामने आ जायेगी और यह भी साफ हो जायेगा कि पश्चिम बंगाल में ममता दीदी की पकड़ कायम है या वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन पुरानी हैसियत वापस पाने में सफल रहा। इस चुनाव में पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में अपनी सरकार बनाने की भाजपा की दावेदारी पर भी स्थिति साफ होगी। तमिलनाडु में भी जयललिता के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक की सत्ता में कायम रहने की कवायद और उसे मिली करूणानिधि नीत द्रमुक की चुनौती पर से पर्दा हटेगा और यह भी साफ होगा कि केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ और वाममोर्चा की एलडीएफ में विजेता कौन है।इन तीन राज्यों में परिवर्तन के आसार
टेलीविजन चैनलों में 16 मई को प्रदर्शित चुनाव बाद के विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार असम, तमिलनाडु और केरल में परिवर्तन के आसार व्यक्त किये गए हैं। पूर्वोत्तर राज्य असम में पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है कि भाजपा वहां कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाकर पहली बार सरकार गठित कर सकती है। चुनाव बाद के सर्वेक्षणों के अनुसार कांग्रेस को केरल में भी हार का सामना करना पड़ेगा। तमिलनाडु में अनुमान व्यक्त किया गया है कि द्रमुक वहां अन्नाद्रमुक को हराकर सत्ता प्राप्त कर सकती है।
चुनाव बाद के सर्वेक्षणों के अनुसार केवल पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की लगातार दूसरी बार जीत का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।
सर्वेक्षणों में कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि उसे केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में जीत मिलने की उम्मीद व्यक्त की गई है, जहां उसके और द्रमुक के गठबंधन के सत्ता में आने की संभावना है।
असम में आएगी भाजपा?
असम विधानसभा की 126 सीटों की चुनावी तस्वीर 19 मई को मतगणना के साथ ही साफ हो जाएगी और इसके साथ ही मुख्यमंत्री तरूण गोगोई समेत 8,300 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी हो जायेगा और यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि क्या भाजपा पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में होगी या लगातार चौथी बार राज्य में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी।
राज्य में कोई सियासी पार्टी खम ठोककर सरकार बनाने का दावा नहीं कर रही है और एक्जिट पोल में भाजपा के सत्ता में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।
कांग्रेस बोडोलैंड क्षेत्र को छोड़कर अन्य भागों में अपने दम पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा ने असम गण परिषद के साथ गठबंधन किया है और जबकि एच मोहिलारी के नेतृत्व वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ उसका गठबंधन पहले से था। जेडीयू और आरजेडी ने बदरूद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ तालमेल किया है।
पश्चिम बंगाल में किसका पलड़ा भारी, होगी दीदी की वापसी?
पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव छह चरणों में सम्पन्न हुआ है और अब इस बात पर निगाहे टिक गई हैं कि इस चुनाव में जीत आखिर किसकी होगी और पलड़ा किसका भारी रहेगा और इसके कारणों की भी विवेचना होगी। कांग्रेस और वाम दलों में तालमेल होने के बाद तृणमूल के समक्ष एक मजबूत गठबंधन की चुनौती है। पश्चिम बंगाल में इस बार का विधानसभा चुनाव इस मायने में ख़ास है कि भारतीय जनता पार्टी भी पूरे दमख़म के साथ मैदान में उतरी है और इसलिए सियासी लड़ाई और दिलचस्प हो गई है ।
तमिलनाडु में होगी करूणानिधि की वापसी?
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्यमंत्री जे जयललिता सत्ता में बने रहने की उम्मीद के साथ मैदान में उतरी हैं तो द्रमुक के मुखिया करूणानिधि राज्य में सत्ता परिवर्तन की पुरानी परिपाटी के अनुरूप फिर से मुख्यमंत्री बनने की आशा लगाए हुए हैं। पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट की वजह से मुकाबला कुछ हद तक त्रिकोणीय नजर आ रहा है।
राज्य की 232 सीटों के लिए बीते 16 मई को मतदान हुआ और इसमें 69 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री जे जयललिता और द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि समेत 3700 से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा, जहां 5.50 करोड़ मतदाताओं के लिए करीब 65000 मतदान केंद्रों बनाए गए थे।
केरल फिर अपना इतिहास दोहराएगा?
केरल में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सबकी नजरें मतगणना पर टिक गयी हैं और सबके जेहन में यही सवाल है कि क्या केरल फिर अपना इतिहास दोहराएगा जहां हर पांच साल के अंतराल में सत्ता यूडीएफ और एलडीएफ के पास जाती रहती है ।
केरल में 140 विधानसभा सीटों के लिए 16 मई को हुए विधानसभा चुनाव में 2.61 करोड़ मतदाताओं में से 71.7 प्रतिशत ने मतदान किया है।
पुडुचेरीः एन रंगासामी को है चौथी बार सीएम बनने की उम्मीद
पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में इस बार भी जीत दर्ज करके मुख्यमंत्री एन रंगासामी एक बार फिर से इस केंद्र शासित प्रदेश की सत्ता संभालने और चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद लगाए हुए हैं। हालांकि अन्नाद्रमुक के अलग चुनाव लड़ने और द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन के चलते उनके लिए बड़ी चुनौती पैदा हो गयी है।
-- Sponsored Links:-
0 comments:
Post a Comment